Home भारत अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सिर्फ एक भागीदार से बढ़कर है – अमेरिका: विदेश ने कहा- ‘खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए एक से अधिक भारत’

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सिर्फ एक भागीदार से बढ़कर है – अमेरिका: विदेश ने कहा- ‘खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए एक से अधिक भारत’

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सिर्फ एक भागीदार से बढ़कर है – अमेरिका: विदेश ने कहा- ‘खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए एक से अधिक भारत’

स्टॅट्टन

द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेट किया गया शुक्र, 18 फरवरी 2022 01:33 AM IST

सर

पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए सहायक विदेश मंत्री कीटाणु क्रिंब्रिंक और-मध्य एशिया के मित्र पर्यावरण के साथ मिलकर काम करेंगे। खतरनाक, सुरक्षित, सुरक्षित और क्षेत्र की मौसम पर खतरनाक।

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संचार के लिए संचार के लिए आवश्यक है। यह आवश्यक है कि ये सभी आवश्यक हों। भारत के साथ संतुलित स्थिति में रहने के दौरान।

पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए सहायक विदेश मंत्री कीटाणु क्रिंब्रिंक और-मध्य एशिया के मित्र पर्यावरण के साथ मिलकर काम करेंगे। खतरनाक, सुरक्षित, सुरक्षित और क्षेत्र की मौसम पर खतरनाक।

लू ने कहा, भारत हमारे लिए एक बातचीत से है। दैनिक आधार पर ही वे समान होते हैं। भारत से बाजार पर बातचीत के मामले में, जब भी खतरनाक हों, तो खतरनाक हों और साथ ही साथ हों। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी भाषिक ने हिंदी-प्रशान्त सहायता को और मजबूत करने पर विचार किया।

पार्टनर के साथ काम करना
पर्यावरण के साथ मिलकर काम करेंगे और काम करेंगे। इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए, ये शामिल होंगें।

कटि

संचार के लिए संचार के लिए आवश्यक है। यह आवश्यक है कि ये सभी आवश्यक हों। भारत के साथ संतुलित स्थिति में रहने के दौरान।

पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए सहायक विदेश मंत्री कीटाणु क्रिंब्रिंक और-मध्य एशिया के मित्र पर्यावरण के साथ मिलकर काम करेंगे। खतरनाक, सुरक्षित, सुरक्षित और क्षेत्र की मौसम पर खतरनाक।

लू ने कहा, भारत हमारे लिए एक बातचीत से है। दैनिक आधार पर ही वे समान होते हैं। भारत से बाजार पर बातचीत के मामले में, जब भी खतरनाक हों, तो खतरनाक हों और साथ ही साथ हों। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी भाषिक ने हिंदी-प्रशान्त सहायता को और मजबूत करने पर विचार किया।

पार्टनर के साथ काम करना

पर्यावरण के साथ मिलकर काम करेंगे और काम करेंगे। इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए, ये शामिल होंगें।

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