Home भारत आतंक को खतरनाक से बाड़ लगाना भारत बार-बार-बार है?

आतंक को खतरनाक से बाड़ लगाना भारत बार-बार-बार है?

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आतंक को खतरनाक से बाड़ लगाना भारत बार-बार-बार है?
आतंक को खतरनाक से बाड़ लगाना भारत बार-बार-बार है?

फ़ज़ल-उर-रहमान।

छवि क्रेडिट स्रोत: फाइल फोटो

। 1 फिर भी नाम से पुकारा गया।

आपको देखने के लिए (पाकिस्तान) में इमरान खान (इमरान खान) यह देखने के लिए कैसा होगा। उसका नाम है मौलाना फल-उर-रहमान। वह बार-बार दिल्ली, सहारनपुर, देवबंद और मुरादाबाद में विश्वास रखता है। इमरान का शरीफ़ दोस्त, खान अली जरदारी के बाद दुश्मन दुश्मन है। वह सदस्य सदस्य के सदस्य के रूप में खराब होता है। आने के लिए नवीनतम समाचार पत्र ने घोषणा की है। असद ने चुनाव में विपरीत चुनाव में चुनाव लड़े थे। मौलाना फूल-उर-रहमान (फजल-उर-रहमान) के साथ रहने वाला भारत भी रहने वाला है।

सूचना, मौलाना फजल-उर-रहमान के संगठन जमीयत-उल-इस्लाम को आप जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की शाखा मान सकते हैं। जमीयत की स्थापना 1919 में. ️ बंट️ बंट️ बंट️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ मौलाना फूल उर रमानी के पिता मौलाना फ्री महमूद भी जुड़ गए। वे आगे चल रहे हों के लिए सूबे खैबर खांख्वा के बने भी. वे बड़े जन नेता थे।

मौलानाजल-उर-रहमान ने सन 2007 में इस तरह की प्रबलता के रूप में उलेमा-ए-हिंद के ज़ॉफ में नृत्य किया था। आगे वे आगे की तालीम के लिए देवबंद के दारूल उलूम में थे। ये बातें देश के बंटवारे से पहले। वे जमीयत उलेमा-ए-हिन्द, सहारनपुर, देवबंद और मुरादाबाद से भावुकता से युक्त हैं। वे फकर के साथ बताये थे कि जमीयत ने दिन के बंटवायर का करकारे भी क्यूएचए। मेरे वालिद मुफ्ती महमूद ने 1971 में कहा था कि अल् का शुक्र कि मुल्क के नोवारे में हमारा कोई रोल था।

इमरान-मौलाना में अदावत

मौलाना जल उल्लासमान की पार्टी ने इमरान खान को प्रतिबंधित कर रखा था। बढ़ते हुए जवानी वाले खेत। एक-दूसरे से इमरान खान ने एक बार कहा। मैं फूल उरमान के नाम के आगे मौलाना संभावित हूं। वे इस लायक नहीं हैं।

रामलीला परिसर में मौलाना

मौलाना फजल-उर-रहमान ने 22 दिसंबर, 2013 को राजधानी की तारीख़ रामलीला परिसर में जमीयत के साथ मिलकर शुरू किया। उद्नाया जमीरट उल्लोद के नेता महमूद म्दनी ने हजारों-लहखों को नहीं किया। उसके बाद में संभालना फजल में अपने, देवबंद और भारत-नए प्रकार के व्यवहार पर ख्याल था। वे ️ 45️ मिनट️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ उनके


। 1 फिर भी नाम से पुकारा गया। मौलाना फूल-उर-रहमान एक छत्र जनवादी हैं। भारत और गेम के लिए मज़ेदार हैं।


रहेगा। उनकांनाथा था कि वास्तव में रहने में रहने वे देवदी मुसलमानों के लिए देवबंद एक बेहद पवित्र शब्द और स्थान हैं। पता करने के लिए संपर्क करें। इसलिए ही मौलाना फूल भी देवबंद हैं।

ऐसी छवि मौलाना की

मौलाना फजल-उर-रहमान की छवि भी सुन्नी कट्टर की है। विश्व में जनलोकप्रिय होते हैं। मौलाना फल-उर-रहमान और शरीफ़ (नवाज और शहबाज़) में ठीक-ठाक होना है। स्विच करने की स्थिति में था। अभियान का प्रभाव है। . संचार, भारत से दिनी स्तर पर एक संबंध है। मौलाना कार्यक्रमों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

1988 में सीरियल जीर भुट के बाद इसे ‘प्राइवेट’ किया गया था कि वे एक औरत को नेता नहीं मान सकते हैं। इस बीच में रखने के लिए यह बहुत ही अच्छा है। ऐसे में वे अलग-अलग तरह के होते हैं।

ये भी आगे

(लेखक प्रिंटर, लेख में लेखक के निजी हैं।)

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