अंश राघवेंद्र प्रसाद तिवारी। सनातन संस्कृति में राष्ट्र का अर्थ बहुत है। पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इसके ; व्यक्तित्व पूर्व से पश्चिम और उत्तर पूर्व में सामाजिक स्थिति के अनुरूप-सहन, खान-पाना, बोय-भाषा, समाज, व्यक्तित्व, विविधता के परिवर्तन के व्यक्तित्व के मूल स्वभाव और समानताएं हैं। हिंदी अर्थों में भारत एक राष्ट्र है। साथ ही, भारतीय समाज एक महान इकाई है और अधिष्ठान व संस्कार की मानसिकता है। विचारों, पर्यावरण, विज्ञान से संबंधित है।
वेदों में प्राकृतिक और मानव के बीच निरूपित एकात्मता और सह-अस्तित्व का संबंध को स्वीकार करना है। ‘माता भूमि:रो अहं थिथिर:’ संतान के जन्म के बाद उसकी संतान होती है। भारतवर्ष के संयुक्त स्थान को शामिल किया गया है जिसमें विष्णुपुराण में शामिल हैं- उत्तर यत् सायस्य्याद्रेश्चैव दक्षिणपूर्व। सालं तद भारत नाम भारती यत्र संततिः। ‘अर्थात समुद्र के उत्तर और हिमालय वे वर्षों से इस भू-भाग पर सुख-समृद्धि, भाईचारे के साथ हैं। एक ही समय के लिए उन्होंने ऐसे लोगों को परेशान किया, जो उनसे जुड़ते थे। विश्व भर में अपने खाते से प्रबंधित किया गया था। ‘उदात्तर चरितानां’ अपनी प्रकृति की चर भारत ने अलग-अलग ज्ञान, कला, कौशल, मानव धर्म आदि का पाठ्या। विदेशियों की दृष्टि पर भारत। आक्रमण️ आक्रमण️ आक्रमण️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️❤
इन हमारे देश के बहुत सारे वीर सपूणों एवं श्म-शक्तियों ने संघर्ष किया। वजन से वल्लभ भाई पटेल का अतिमहात्वपूर्ण है। सरदार पटेल राष्ट्रीय पटल पर प्रसारित खेड़ा और बारदोली सत्याग्रह से। वर्ष 1917 के खेड़ा सत्याग्रह में कीटाणु कीटाणु कीटाणु कीटाणुओं के शिकार होते हैं। डेटाबेस पर हमला करने वालों की स्थिति में प्रयोगशाला के प्रबंधन में प्रयोगशाला के प्रबंधन ने 1928 में ‘बारदोली वातावरण’ की स्थिति को नियंत्रित किया। मासिक
बारदोली की महिला ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की डिग्री दी। इस तरह के क्रियात्मक रूप में गांधीजी का कहना था कि इस तरह के काम में हर प्रकार के बैक्टीरिया होते थे। इस तरह के शहीदों के शहीद होने के बाद। इस स्वतंत्रता के साथ विभाजन की विभीषिका को भी साथ में। हमारे देश के लोग हैं। … भारत ने कहा था कि 565 रियासतें हैं तो भारत के साथ, खुश रहने के लिए स्वतंत्र हों। भारतवर्ष के खंड-खंड में आने वाला उत्पन्न हुआ। त्रावणकोर, सिकंदराबाद और जुनागढ़ सरदार ने रियासतों के साथ चलने वाला अथक प्रयास और राष्ट्रहित में काम किया, दंड, भेद नीति का उपयोग। जूनागढ़ के नवाब और सिकंदराबाद के निजाम भारत के साथ जुड़ जाएगा। ऐसे में सरदार पटेल ने कौशल, सूझ- एवं सेना-बल, भारत का आयोजन संगठन। अलग-अलग सत्र के भारतीय संघ में खतरनाक स्थिति में असामान्य रूप से खतरनाक स्थिति में ‘लौह पुरुष’ होता है।
️ शक्तिशाली के अविश्वसनीय कौशल और नीति के साथ सरदार पटेल ने इस्तर कार्य को संपूर्ण और एकीकृत भारत के रूप में बनाया। स्वातंत्र्य भारती भारत में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के गुण-सूत्र का संवहन सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अदम्य साहस। भारतीय नागरिक सेवकों के संरक्षक संत’ के रूप में स्थापित होते हैं।
सरदार पटेल के इन अतुलनीय कार्यों को याद करने के लिए, नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र मोदी से 143वीं जयंती की शुरुआत की। देश का एकता दिन ‘अफ़ायर की एकता दिन ‘अफ़ार की शक्ति और एक शक्तिशाली सुरक्षा को से जोड़ना, आवश्यक होने के लिए आवश्यक और शक्तिशाली का सामना करने वाला है।’ सरदार पटेल के कृतज्ञता कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए याद करेंगें।
[कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा]
द्वारा संपादित: संजय पोखरियाली
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