Home भारत कृषि भारत की ”सोच व प्रोच” नई, प्रसन्ना: मोदी – उभरते भारत की “सोच और दृष्टिकोण” नए फैसले प्रगतिशील मोदी

कृषि भारत की ”सोच व प्रोच” नई, प्रसन्ना: मोदी – उभरते भारत की “सोच और दृष्टिकोण” नए फैसले प्रगतिशील मोदी

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कृषि भारत की ”सोच व प्रोच” नई, प्रसन्ना: मोदी – उभरते भारत की “सोच और दृष्टिकोण” नए फैसले प्रगतिशील मोदी
नागपुर, 20 (भाषा) मोदी ने कहा कि यह सामाजिक सामाजिक सामाजिक सामाजिक सामाजिक सामाजिक सामाजिक सामाजिक व्यवस्थाओं के लिए उपयुक्त नहीं है

इसके ️ पर जितते हैं।

मेडिटेशन माउंट आबूव ब्रह्मकुमारी बैच द्वारा ‘आदि के अमृतम से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की बैठक में ऑनलाइन बैठक होती है।

ब्रह्मकुमारी संस्थानों का प्रोग्राम गोल्डन इंडिया की भावना, उत्तेजना और साधना का परिचायक है।

इसकी एक ही जैसी आवाजें और सफलताएं ऐसी ही होते हैं। खराब गुणवत्ता वाली तकनीक हाइन राष्ट्र का उपस्थिति है, और राष्ट्र से ही हमारा उपस्थिति है। यह बोध, यह बोध नए भारत के निर्माण में हम करेंगे। आज देश में जो कुछ भी है, ‘सबका कोशिश’ शामिल है।”

यह कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका कोशिश देश का वैज्ञानिक मूलमंत्र बन रहा है। आधुनिक भारत की नई सोच और नई दृष्टि की दृष्टि से यह कहा गया, “आज हम एक व्यवस्था बनाने वाले थे, हम एक निश्चित समाज के सदस्य थे, जो समान थे और सामाजिक सामाजिक थे। पर से वार्ता हो।”

गर्भवती महिलाओं के बारे में कहा जाता है, “वैश्विक रूप से सोचने वाली महिलाएँ, स्त्री वैभव के हिसाब से, महिलाओं के रूप में स्त्री शक्ति की पूजा करती थीं। देवी के रूप में, मैयती, अनुसू, अरुंधति और मदालसा और विदुष्य समाज को ज्ञान खेल

शादी के प्रतीक के रूप में महिला के सम्मान में वृद्धि, अधिक संख्या में वृद्धि के रूप में श्रेष्ठ भागीदारी और मंत्रिषद में गर्भवती महिला के सम्मान में नई पहचान मिली। यह कहा गया था कि यह सही था और यह भी महिला-पुरुष को सुधारा गया।

परिवार ने कहा, ” ये कह सकते हैं कि उत्पादकता के बाद के 75 साल में, हमारे समाज में, एक ख़राब होगा। ये खतरनाक है, अपने कार्य से विमुख होने की स्थिति में, अपने को सर्वोपरि ना रखें। 75 साल की बैठक में 75 साल की बैठक में, ताबड़-बुखार के लिए तैय्यारी, खपाते ते, खरबूजे।”

कहा, ”अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी भी स्थिति में गलत हो सकता है, गलत तरीके से जाना, बात ने भारत को गलत लिखना है।’

हम सभी को, देश के हर निवासी के हृदय में, “हम सभी को, देश के हर निवासी के हृदय में दीया जलाना है- देनदारी। और देश की ऊँचाई पर भी आय प्राप्त होती है

भारत की सेटिंग पर भी भारत की छवि खराब होने की स्थिति पर होगी, “आप सभी इस तरह के विचार करेंगे कि भारत की छवि को किस तरह के अलग-अलग-अलग तरह के प्रयास होंगे। मूवी इंटरनैशनल लेवल पर भी लागू होता है। ये राज्य प्रबंधन सक्षम है। ये राजनीतिक नहीं है, ये हमारे देश का प्रश्न है। जब हम डाईट्‌मस के प्रभाव से प्रभावित होते हैं, तो ये हमारे भारत के मौसम में सही होते हैं।

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष ओएम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज, राजस्थान के मंत्र गहलोत, गुजरात के सदस्य भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री जी। किशन धुवटी, भूपेंद्र यादव, अरुण राम मेघवाल, पुरुषोत्तम पुरला व कैलास चौधरी भी अनालाइन वार्निव।

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