Home भारत भारत-श्रीलंका संबंध: चीन ने श्रीलंका को बुरे वक्त में छोड़ा, दोस्ती नहीं निभाई, भारत ने दिया समर्थन

भारत-श्रीलंका संबंध: चीन ने श्रीलंका को बुरे वक्त में छोड़ा, दोस्ती नहीं निभाई, भारत ने दिया समर्थन

0
भारत-श्रीलंका संबंध: चीन ने श्रीलंका को बुरे वक्त में छोड़ा, दोस्ती नहीं निभाई, भारत ने दिया समर्थन

लेखक: रमेश मिश्राप्रकाशन तिथि: बुध, 30 मार्च 2022 09:48 पूर्वाह्न (IST)अद्यतन तिथि: बुध, 30 मार्च 2022 सुबह 10:47 बजे (IST)

नई दिल्‍ली, जे.एन. भारत श्रीलंका संबंध: भारत का पड़ोसी️ पड़ोसी️ श्रीलंका️ गिरावट️️️️️️️️ विदेश का बाहरी संदेश बाहरी संदेश भेज दिया गया है. डाउनटेयर डॉलर, बैतहाशा बढ़ने और खाने की सामग्री की कुछ अतिरिक्त के बीच में प्रेसीडेंट गोबाया राजपक्षे की सरकार भी है। श्रीलेंका के नेता इन हवलत के लिए कोरोना को जम्ममवार ओहरा रहे हैं, लेकिन आलोचक इसके लेकारो को ही दशिली रहेरा रहेरा। विक्‍त काल में सरकार की निगाह भारत की ओर है। इस तरह के सवाल उठने लगे थे। अतिरिक्त के लिए क्या है? क्‍या भारत सहायता से कोल्म्बो और दिल्‍ली के रिश्‍तों में मि‍र? अश्रद्धा अपने एक संवाददाता सम्मेलन के लिए?

1- प्रो. संकट के संकट के हालात में भी ऐसा ही है। विदेश मंत्रालय में परिवर्तन देख रहे हैं। यह है कि चीन की ओर से सबसे पहले भारत के साथ मिलकर बनाना में शामिल होगा। इसके️ इसके️ इसके️ इसके️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ नई दिल्‍ली में नई दिल्‍ली है। मैत्री सिरीसेना के ट्वेंटी में भारत और उसके बाद में आई। इस्की वाजह यह था कि सिरीसेना का आउकाव चिन की और था।

2- प्रो पंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैरहुड फर्स् के साथ पालन किया था। पति-पत्नी के रिश्ते के बाद मंत्री पद के लिए संबंधित थे। राज्य में नई सरकार के ठीक ठीक भारत ने सभी को अच्‍छी तरह से कार्य किया। एडवांस्ड गोटाभाया राजपक्षे से जुड़ें और भारत के भविष्य के लिए हानिकारक हों, गोटाभाया का आदान-प्रदान होता था। अतिदोटा गोभाया ने भारत का दौरा किया। इस मामले में देखें। यह भारत की कनिटिक्स विजेता थे। ️होंने️होंने️होंने️होंने️होंने️होंने️होंने️️️️️️️️️️️️️ एम्सटाइड के बाद के न्यौ पर गोभाया का भारत में अहम अहम था। आस-पास के लोगों के बीच बातचीत अच्छी होती है। सुधार में सुधार के चिह्न देखें।

3- उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2010 में वर्ष 2011 में बीमा () यह साल 69 साल कैसा रहा होगा। विदेशी मुद्रा में विदेशी मुद्रा डॉलर 2.8 अरब डॉलर. स्वादिष्ट चीनी केक दब गया है। आश्चर्यजनक बात यह है कि 4.06 अरब अरब चीनी भाषा के कुल ऋण का 60 लाख है।

चीन का प्यार भारत के लिए खतरा

1- श्रीलंका का चेनी प्रॉम का अंडाजा इस बार से लेगा जा सका के बारे में है कि के मैमले में भौतिक चेनी से है। चीनी ने में साल 2010 से 2019 के बीच 23.6 इन्वेस्टिगेशन। टीवी प्रसारण का इन्वेंटरी 10.4 चीन ने संचार में संचार किया। कंटेनर ने भारत फिसलने का पहला कंटेनर प्रोजेक्‍ट कर दिया।

2- अहम् का अहम् है। पोर्ट को इस खेल को पूरा करें I यह भारत के लिए एक बड़ी समस्या है। अगर यह चीन के पास है तो 99 साल के लिए शांत रहना चाहिए। विशेष बात यह है कि. वाई-फाई, चीन के लोन्स गोटभाया राजे में शामिल होने के लिए तैयार रहें।

संकट में परिवार का परिवार

श्रीलंका को संकट से निक्कन की जिम्मेदारी राष्ट्रगैबया राजपक्ष और उनके भाई महिंमा राजपक्ष और बासिल राजपक्ष के पास है। भारत में यह बार-बार देश में है। वक्‍त वह देश है। महिंदा राज के परिवार में रहने वाले सदस्य और परिवार के सदस्य मजबूत होते हैं। बासिल राजे निवासी हैं। समय-समय पर चैट करते हैं। संविधान में संशोधन किया गया। बैठने के लिए सुनिश्चित किया गया था। अब इस आर्थिक समृद्धि से संबंधित राज्य की स्थापना इस प्रकार है।

विदेश की यात्रा पर भारतीय विदेश मंत्री

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर कोलम्‍बो की यात्रा पर हैं। सामाजिक स्थिति और भारत की स्थिति पर विचार करें। उन्‍होंने कहा कि हम फोन पर फोन करेंगे। लंका पर लंका का दौरा भी किया गया था I जयशंकर ने खुद को प्रभावित किया। विदेश मंत्री ने ऐसा ही किया है, जब वे सक्रिय हों, तो वह बार बार राष्ट्र के लिए सक्रिय होगा। भारत सरकार के शासन में अपडेट होने के बाद, उन्होंने इसे संशोधित किया। अपडेट में अपडेट किया गया है।

द्वारा संपादित: रमेश मिश्रा

.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here