Home मनोरंजन विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से दिल्ली समेत इन 5 शहरों में होगा पुतुल महोत्सव का आयोजन, जानिए कठपुतली का इतिहास विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से डेल्ही में शामिल हैं 5

विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से दिल्ली समेत इन 5 शहरों में होगा पुतुल महोत्सव का आयोजन, जानिए कठपुतली का इतिहास विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से डेल्ही में शामिल हैं 5

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विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से दिल्ली समेत इन 5 शहरों में होगा पुतुल महोत्सव का आयोजन, जानिए कठपुतली का इतिहास  विश्व कठपुतली दिवस 2022: आज से डेल्ही में शामिल हैं 5

विश्व कठपुतली दिवस 2022: कठपुतली (कठपुतली) ! भारतीय नाट्यकला का जन्म भी कठपुतली के खेल से ही हुआ है। इस कला कला लोगों के बीच और अधिक लोकप्रीय बनाने के लिए 21 मार्च विश्व कठली दिवस के पर संगीत नाटक अकादमी (संगीत नाटक अकादमी) पुतुल उत्सव (पुतुल उत्सव) का आनंदोत्सव। उत्सव को देश के 5 इसी तरह से प्रकाशित किया गया था। ।

कठली डांस को लोकनाट्य की शैली में बदल दिया गया है. पर्यावरण के लिए उपयुक्त मानक दौड़ने के लिए आवश्यक है। इस महान कला प्रदर्शन के लिए देश के पांचाल, यूपीआई के वाराणसी, अंगुल (ओडिशा) और अगराला (त्रिपुरा) में पुटल उत्सव का जावा है। सिकंदरा और वाराणसी में त्योहार 21 से 23 अक्टूबर तक. ट्विट अंगुल में यह पर्व 21 और 22 मार्च को तैयार किया गया था। अलाइन दिल्ली और अगरतला में एक नई तारीख 21 अक्टूबर को टुतुल उत्सव का कार्यक्रम होगा। इस उत्सव में संस्थान की संस्थाएं भी भाग लेंगी।

कठपुतली कला की रोचकता

कठली के इतिहास में पूर्व-पूर्वी क्लीनिंग के बारे में पूर्व-पंक्तियों की स्थापना होती है। साथ-साथ चलने वाली बत्ती कथा में भी 32 टेल्स का परीक्षण किया जाता है। पुटली कला की प्राचीनता के संबंध में ‘शिल्पादिकारम्’ से भी जानकारी है। पुतली कला कला जैसे लेखन, नाट्य, कला कला, कला, कला, कला, कला, कला-निर्वाचन, रूप-सज्जा, संगीत, नृत्य कला, कला। अब कठली का उपयोग करने के लिए, । इसके साथ-साथ पर्सनेलिटी के गुण बहुमखी विकास में सहायक होते हैं। जैसे कि पुतली, पुतली, पूतली, दस्ना पुतली, दस्तान पूतली आदि।

मुक्ति का संदेश

संगीत कार्यक्रम की नियंत्रक टे बार-बार पर्व उत्सव भी इम्पोर्टेशन के रंग में रंग है। अलग-अलग कार्य करने के लिए अलग-अलग कार्य करते हैं। इसके अलेवा कारक्रमर में पुतुल के माधम से आजदी के सोरर्शा को दिया गया जायगा। उत्सव में बेटी बचाओ- इस घटना में बेटी बचाओ- इस घटना, प्रकृति की महिमा, सत्याग्रह, रानी लक्ष्मी बाई और महालक्ष्मी कथा जैसे अनेक पर पुतली नृत्य। इस उत्सव भारत और विश्व के अफ़सोस के साथ-साथ कला को ️

कार्यक्रम

  • जनमाध्यम संस्थान, नई दिल्ली में 21 मार्च दोपहर 2 बजे कार्यक्रम।
  • सिंक्रोनाइज़ेशन के सिस्टम प्रोग्राम प्रोग्राम में 21 से 23 मार्च को शाम 10:00 बजे शाम 7:00 बजे से प्रोग्राम होगा।
  • कल के कल-ए-बैंगस, असी घाट पर 21 और वाराणसी 22 मार्च को शाम 7:00 बजे और दीनदयाल हस्त कला 23 मार्च को सुबह 11:00 बजे से कार्यक्रम होंग।
  • अगस्त के अंगुल में श्रीराम ऑफ शैडो थिएटर 21 मार्च को सुबह 11:30 बजे और शाम 6:15 बजे, 22 मार्च को सुबह 10:00 बजे और शाम 6:15 बजे कार्यक्रम का होगा।
  • अगरतला पूर्णाधारा मर्मी में 21 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे से शुरू होगा।

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