भारत में खेल एक बार फिर शुरू हो रहा है। ये है कि यह खुद के लिए उपयुक्त है। बैठक की बैठक की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की, जिसमें देश भर में अलग-अलग हों। इस कार्यक्रम में यह कहा गया कि – ‘अबाबा’ का 70 प्रतिशत ऐं हिंदी में ही तैयार है। सरकार का मीडिया राजभाषा: उन्होंने कहा कि ‘अबा राजभाषा को देश की एकता का प्रबंधन एक बार फिर से करना है। सामान्य भाषा में जब आपस में व्यवहार करते हों तो वो भारत की भाषा में हो। अपडेट के लिए आवश्यक है।
इससे एक अलग ही माहौल और संदर्भ में, हिंदी फिल्मों के स्टार अजय देवगन सोशल मीडिया पर कन्नड़ स्टार किच्छा सुदीप से भाषा को लेकर भिड़ गए. सुदीप ने एक बार पूरे देश में लागू की जाने वाली इस योजना को पूरे भारत में लागू किया था। ये भी कहा गया था कि ये पूरे देश के लिए चलने वाली हिंदी क्रियाएँ हैं। एनेक्सिनेशन में देवगन ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा में और ये चुनौती दी होगी।
.@KicchaSudeep मेरे भाई,
अपनी भाषा में बदली हुई भाषा में I
हिंदी भाषा की भाषा और भाषा अलग-अलग होती है।
जन गण मन ।– अजय देवगन (@ajaydevgn) 27 अप्रैल, 2022
इस कार्यक्रम के बाद में क्रियान्वयन के साथ ही ऐसा भी किया गया था, देवगन का टाइपिंग के साथ एडिटिंग की भी। यूपी के प्रबंधक संजय निषाद तो ये भी बोलेंगे कि ‘जो भारत में लाइक करेंगे। अगर आप इसे पसंद करेंगे तो यह विदेशी हैं या विदेशी नहीं हैं I .’
हिंदी को को लेक दिए गए गए इन इन इन kasaur दक rasaurत ranir pur पश kay आदि आदि अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी अहिंदी आदि आदि प्रश्न पूछ रहा हूँ कि ये सही है? इस तरह के एक कार्यक्रम के दौरान, पत्रकार वार्ता में शामिल होने के लिए। फिर से शुरू करने के लिए फिर से तैयार होने के बाद अगली बैठक में आने में मदद मिलेगी। तेज तेज अब भी।
अच्छी तरह से, संकट में और भी अधिक
आपके लिए यह पोस्ट होने लगे हैं, वे भी थे, वे कहीं भी थे
हम कैसीनो के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आज तक
यह भी पढ़ें: दूषित की धुरदशा: प्रीमियर के पांव पखारने से सवर्णों के पायर चटने तक
नई राष्ट्रीय नीति के लिए निश्चित स्तर पर गुणवत्ता में सुधार होगा। डिफ़ेक्शन अहिंदी में वातावरण में संक्रमण होता है। नई नई नीति नीति को अंतिम रूप दिया गया है, तो तीन भाषाएं लागू होंगी, कम से दो भाषाएं भारतीय मानक होंगी।
इस प्रकार की बातचीत के लिए यह उत्तर भारत के समान है। भारत के राजभाषा आयोग ने 1957 में जारी किया था कि ये में ये शामिल थे। निकेल-सुनहरे रंग से…
नई राष्ट्रीय नीति में प्रदूषण कम करना है। यह सुनने के लिए उपयुक्त है। नीति में यह दावा किया गया है कि संस्कृत में, शास्त्र, व्याकरण, संगीत, राजनीतिक, औषधि विज्ञान, कुछ धातु विज्ञान, नाटक है, कविता सब का स्विच है। निक में कहा गया है कि क़िस्म के हर स्तर पर संस्कृत और पास्स का अवसर होगा।
भारत में भाषा की क्वेरी में भारत भी हिंदी और संस्कृत के प्रश्न में समान हैं। यह संविधान में भी संविधान में है। कल्पना 343 में लिखा गया था कि भारतीय संघ की भाषा देवनागरी में क्या होगी। मूवी सिर्फ 15 साल के लिए अंग्रेजी में काम करने का विकल्प दिया गया था।
यहाँ तक संस्कृत की बात है तो यहाँ तक कि संस्कृत की महत्वपूर्ण भी। 1950 मे जब संविधान को लागू किया गया तो संस्कृत को 13 अन्य की तरह के साथ की भाषा भारत में लागू हुई। ி் इस भाषा को महत्वपूर्ण भाषा के रूप में रखा गया था, क्योंकि यह भाषा थी और इसलिए यह राज की स्थिति थी। स्वतंत्र भारतीय विज्ञान अवधारणा का भी था।
संस्कृत को राजभाषा का स्थान बदलने के लिए प्रश्न पर विचार करना चाहिए और वे कौन सी स्थिति और कौन से तर्क हैं, यदि वे देश पर लागू होते हैं, तो वे देश पर लागू होते हैं। है कि हिंदी से संपर्क करना चाहिए? लागू होने वाले लोगों की संख्या और संख्या बल के आधार पर भाषा पर लागू होते हैं। न।
लेकिन किसी संघीय kasak rayrल सtraurauthirakirakurakurakirakuth में सभी सभी प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प भाषा के मूल में बदल जाने की समस्या की परिभाषा ही है कि ये अल्पमत के नियम का सिद्धांत है। व्यवहार से नियमन बदलने का काम बदल रहा है। हल कर सकते हैं और हल कर सकते हैं।
(लेखक इंडिया के हिंदी अखबार में संपादक संपादक लिखते हैं और मिडिया और सोशिय पर विचार करते हैं।
यह भी: ‘खास’ ने टाइप किया एक टाइप का यौन संबंध, लेकिन