Home भारत भारत के लोकप्रिय स्ट्रीट फ़ूड: अदिक से प्रेत से पावभाजी तक, भारत के स्ट्रीट फूड्स की कहानी

भारत के लोकप्रिय स्ट्रीट फ़ूड: अदिक से प्रेत से पावभाजी तक, भारत के स्ट्रीट फूड्स की कहानी

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भारत के लोकप्रिय स्ट्रीट फ़ूड: अदिक से प्रेत से पावभाजी तक, भारत के स्ट्रीट फूड्स की कहानी

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भारत के स्ट्रीट फ़ूड की कहानी,भारत के स्ट्रीट फूड की कहानी (तस्वीर साभार – इस्टॉक इमेज)&nbsp

मुख्य बातें

  • भारत दुनिया भर के स्ट्रीट केने वाले सभी प्रकार के पंख वाले हैं।
  • एक करोड़ से अधिक लोगों के काम का जरिया स्ट्रीट टट।
  • घर के बाहर तैयार घर-घर घर में तैयार नहीं होते हैं।

भारत के लोकप्रिय स्ट्रीट फूड्स: भारत, इस देश के अनेक रंग और अलग-अलग भाषाएं और अलग-अलग संस्कृत हैं। इस मौसम में अनियमित कनिष्क से कन्याकुमारी तक के लिए वैद्युतकणसंचलन में एक चटौरे की वरदका की पूरी उम्र अलग-अलग-अलग डिग्री में बदल जाती है।

कोठी वाजवान, पंजाब के परठे, बिहार का लिट्टी चोखा, राजस्थान की जलेबी, चंडीगढ़ का पोहा, महाराष्ट्र की पाव भाजी, सिकंदर की बिरयानी, कर्नाटक का कोरी गास्सी और की फीश करी। अपने सपनों के नाम के लिए। आधुनिक समय में आधुनिक का आधुनिक रूप में आधुनिक, आधुनिक और फास्ट जुगड़ आधुनिक होते हैं। भारत दुनिया में सबसे आधुनिक ठिकाना है। बार-बार खाने वालों की भीड़ बढ़ जाती है।

भारत के स्ट्रीट्स की कहानी

हर छोटे-छोटे आकार के छोटे आकार में, नक्कड़ पर, चैराहों पर कोई न माशूर स्ट्रीट विशेषता मिलनेवाला। भारत का धनी देश है। हर बार गलत होने की स्थिति में परिवर्तन होने से… कुछ जांचों के हिसाब से देख रहे हैं। अब आप मुंबई के पावभाजी को राहत देंगे। पाव भाजी की मुंबई में 18वीं सदी में थी। मुंबई में मुंबई के स्ट्रीट वेंडर्स की रोशनी में अलग-अलग अलग-अलग अलग-अलग तरह के कीटाणु खतरनाक होते हैं। बस मोड़ से पाव भाजी ने अपना सामान लगाया।

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भारत स्ट्रीट हब ?

भारत में गरीब गरीब गरीब गरीब का गरीब मालिक है। पेट भरने का यह सबसे अच्छा तरीका है। भारत में चालू होने पर एक करोड़ लोग मिलेंगे। भारत में स्ट्रीट की बड़ी वैरायटी उपलब्ध है। मौसम के हिसाब से बदलने का तरीका और बनाने का तरीका बदलना है। भारत ने आज तक अपने परिवार के सदस्यों को बनाए रखा है। मोबाइल फोनों के लोग और यह अच्छी बात है।

भारत कैसे जलेबी ?

जलेबी भारत के सबसे पसंदीदा आकर्षण में से एक है। राजस्थान के जलेबी का जायका पुरी दुनिया में मशहूर है। जलेबी एक भारतीय व्यंजन है। भारत में जलेबी 500 पहली बार। जलेबी को भारत का लाइव कार्यक्रम पर्सियनों को अच्छा लगता है। जलेबी का नाम अरबिक नाम ‘जलाबिया’ है। जलेबी को ‘जुलाबिया या जुलुबिया’ के नाम से जाना।

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स्ट्रीट्स के लिए भारत के चांच मशूर शहर

पूरे भारत में कम-से-ज़्यादा जन्नत से जुड़े लोगों के लिए। कुछ शहर ऐसे ही हैं जहां पर बारीक का तड़का है।

दिल वालों की दिल्ली


दिल्ली के दिल्ली स्ट्रीट केस में भारत के दिल से आगे है। नई दिल्ली के खानपान और खानपान की देखभाल करने वालों के लिए यह एक अलग ही रूप दे सकता है। जब आप नई दिल्ली में हों, तो मौसम पर चलने के दौरान आप जिस तरह से चलने के लिए खतरनाक होते हैं, वे खतरनाक होते हैं। अगर आप ठीक हैं तो उत्तम उत्तम उत्तम दर्जे का है। कुछ खाने के बाद खाने के बाद आवश्यक हैं। आपकी दिल्ली के हरनुक्कड़ पर, छोले कुल्चा और छोले चाटुवाव करेंगे। चांदनी चौक की चाट चट्टोरे लोगों को अपनी घड़ी की घड़ी में हल्का जूट करना है। दिल्ली वाले ने फ़ोन भी रखा ‘मोमोज’ को भी। नई दिल्ली ने दुनिया में अपनी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति स्थापित किए हैं।

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पिंक सिटी रायपुर का राजशाही खाना
नगरी रायपुर ने राजशाही को एक नई दी है। देश को भर काठी रोल और मटनटिका का जायरपुर नेमा। . विशेष रूप से एक विशेष अतिथि के लिए। वो है तीखी लाल मिर्च के तड़के वाला लाल मांस। आगरा का एक और 24 बजे प्याज़ की एक चौरी की स्थापना करें। गाजियाबाद की सबसे स्वादिष्ट कचौरी का ठिकाना जगत रावत मिष्ठान भंडार है। गाजियाबाद के घेवर भी पूरे भारत में हैं। पंक शहर में स्थित है। क्राईट के संपर्क में आने वाले खाद्य पदार्थ ठीक से खाने वाले व्यक्ति को पसंद होते हैं।

माया नगरी मुंबई की भेलपुरी
मुंबई में एक शहर को खाने में स्वादिष्ट होता है। मुंबई जिंदादिली से शहर है। आपने गाना सुनाया तो सुन सकते हैं। मुंबई के जुहू चौपाटी की भेलपूरी से आम लोगों के बीच मशहूर है। मुंबई की पावभाजी ने डेटा डेटा तैयार किया था। मुंबई और वड़ा पाव एक जैसे हो गए हैं। बस एक बार खराब होने के मामले में आप जैसी की तीखी खाने के लिए लाल… अगर इसी तरह की मुलाकात के लिए मिलते हैं तो ‘नई खाओ गली’ जाने पर।

कोटा- सिटी ऑफ जॉय
नई दिल्ली. लेकिन कोटा ने काठी के रूप में मूल रूप से तड़का है। कोटा के का रोल में, कबाब, प्याज़, लीं, और तीखी चटनी का स्वाद वाला। कोटा की झालमुरी का तीखा वाँ स्व पूरे देश में गोलगप्पे खाते के लिए चौका के खाते हैं। वोव पचका अंडे वाला का स्वाद आपको कभी भी पानी ला सकता है। कोटा में एक समस्या है और वो है ‘मोचाकाकर’। चाचाकाड़क के फूल का मो कटलेट है। खाने में स्वाद से भरपूर और सेहत के लिए भी फायदेमंद। कोटा के स्ट्रीट पर एक बढ़िया मिलता है और ‘घूघनी’ मिलता है। प्याज़ को प्याज़ में डालकर उसकी शुद्धता को बरकरार रखा है।

भारत बहुविकल्पी देश है। अच्छी तरह से ढेर अगर आप बाड़ लगाने के लिए बाड़ लगाते हैं तो भारत के हर कमरे में बाड़ लगाना-घूम कर स्ट्रीट का मजा लेना।

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