पाटन। बिहार सरकार ने अब तक (बिहार स्कूल प्रवेश) महंगा हो गया है। माध्यमिक और उच्च शिक्षा के प्रवेश शुल्क (स्कूल प्रवेश शुल्क) में अप्रत्याशित वृद्धि का मौसम है। इस फैसले के तहत अब इसे बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है जबकि इससे पहले प्रवेश शुल्क के रूप में महज 15 से 20 रुपये देने पड़ रहे थे। गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उन्नत गुणवत्ता भी सुधारें।
जब तक यह खराब हो गया था तब तक प्रतीक्षा कर रहा था। विकास शुल्क के नाम पर लागू होते हैं। एटी-ईट दूसरी बार दोबारा लागू किया गया और शुल्क को समाप्त कर दिया गया।
आदेश के मुताबिक मनोरंजन शुल्क में भी इजाफा करते हुए 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये किया गया है जबकि विद्यालय रखरखाव के लिए अलग से 50 रुपये शुल्क तय किये गए हैं। उच्च माध्यमिक की बात करें तो : को अब टाइप करने के लिए I
अब प्रवेश पत्र के लिए 20 अरब तक। माध्यमिक में फॉर्म और प्रोस्पेक्ट्स के लिए भी अब 50 रुपये शुल्क देने होंगे जो पहले मुफ्त में मुहैया कराई जाती थी। बैटरियों के साथ उच्च गुणवत्ता और उच्च गुणवत्ता वाले कंप्यूटर के गुणक के हिसाब से वर्तमान में बैटरी की शक्ति के हिसाब से बैटरी खर्च होगी। जो मापदण्ड तय किया गया है उसके मुताबिक अब 500 तक विद्यार्थियों पर सालाना डेढ़ लाख, 500 से अधिक पर 2 लाख और 750 से अधिक संख्या वाले प्राचार्य सालाना ढाई लाख खर्च कर सकेंगे।
आपका शहर से (पटना)
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