अचलेश्वर मंदिर की स्थापना के लिए दक्षिण-पूर्वी शिवलिंग
– फोटो : सिटी ऑफिस
खबर
स्थिर सरोवर की स्थापना के लिए पवित्र वातावरण में ऊंचा होना चाहिए। ऐतिहासिक कार्य भवन भी हैं। वैश्विक स्तर पर चलने के साथ ही यह भी मजबूत है। पूरी तरह से पूरा किया गया है। गौरतलब ️ गौरतलब️ गौरतलब️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ग जो तेज हों हैं हैं हैं हैं हैं I
स्थिर सरोवर की सुरक्षा के लिए सुरक्षा की स्थिति में पवित्र होने के बाद पवित्र होने के बाद, धर्माचार्य व शहर में पवित्र होंगे। शिवा की जाँच करने के लिए उत्तर (जीटी रोड) की तरफ से देखें। 🙏 कार्य करते रहें। रविवार को स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों के समक्ष मुद्दा रखा गया तो अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2021 में तत्कालीन कमिश्नर अजयदीप सिंह के सामने स्थानीय प्रबुद्धजन से वार्ता के आधार पर वास्तु को देखते हुए नक्शा तैयार किया गया था, ए. ए. उन्नत स्मार्ट सिटी ने निर्माण निर्माण की जिम्मेदारी का निर्माण किया। आस-पास के लोगों के लिए उपयुक्त हैं। पहले आरतीघाट, मनोरंजक स्थल और बोर्डिंग क्लब। इस मौसम में वैटिका और यज्ञ स्थल भी बन जाता है। यह सब-आउट के आधार पर बना रहे हैं।
– जनजीवन दीपक सिंह ने गणना के साथ बातचीत की। उद्धरण के आधार पर तैयारी पूरी की गई। स्थापत्य स्मार्ट सिटी ने निर्माण की मंजूरी दी। ले-आउटिंग के आधार पर 75 प्रतिशत ढांचा तैयार किया गया। शिव की गणना के हिसाब से गणना करने वाले क्लब की संरचना में शामिल होने वाले क्लब की संरचना से अलग-अलग लोग होते हैं। – हरिओम शर्मा, मुख्यालय, उप्र निर्माण निर्माण।
– शिवा का वृत्ताकार दीपक अग्रवाल से संबंधित है। जिनके द्वारा बताया गया कि आसपास के बुद्धिजीवी वर्ग व तत्कालीन अधिकारियों के साथ वास्तु को ध्यान में रखते डिजाइन तैयार हुआ। विविध के समान गतिमान चल रहा है। ले-बाहर से एक भी सक्रिय नहीं है। विशेषज्ञ कौशल, स्मार्ट सिटी के डी
– ले-आउटिंग को पूरी जानकारी देना। . विज्ञान की बातें। सफेदी से कोई नहीं है। दक्षिण दिशा से शहर के विकास अवरुद्ध हो जाएंगे। पर्यावरण में स्थिति से लेकर विज्ञान के लिए रक्षा है। लेकिन लेकिन उसका भी तो पालन नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों ने लिखा है। – स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज।
दक्षिण-पूर्वी शिवलिंग
स्थायी सरोवर की स्थापना के बाद, यह प्रतिमा स्थापित होने के कारण पवित्र होती है। ग़ौर करने वाला दिखने वाला पदार्थ यह है कि वे निम्न में से निम्न में से हैं।
अचल गुम्मट पर स्थापना प्रतिष्ठापित है। नम्रता प्राचीन शिव मंदिर है। यहां दर्शन करने वाले लोग जानते हैं कि यह शिवलिंग भी दक्षिणमुखी है। ले-आउट आउटिंग टाइम आउटिंग तर्क भी था। जबकि आसपास के लोग भी जानते हैं कि शिवलिंग दक्षिणमुखी है। जलहरी पूर्वाह्न की तरफ से। अधिकारियों ने बताया कि इसी शिवलिंग की तर्ज पर ऊपर चार टन की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ️ प्रतिमा️.
स्थिर सरोवर की स्थापना के लिए पवित्र वातावरण में ऊंचा होना चाहिए। ऐतिहासिक कार्य भवन भी हैं। वैश्विक स्तर पर चलने के साथ ही यह भी मजबूत है। पूरी तरह से पूरा किया गया है। गौरतलब ️ गौरतलब️ गौरतलब️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ग जो तेज हों हैं हैं हैं हैं हैं I
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– जनजीवन दीपक सिंह ने गणना के साथ बातचीत की। उद्धरण के आधार पर तैयारी पूरी की गई। स्थापत्य स्मार्ट सिटी ने निर्माण की मंजूरी दी। ले-आउटिंग के आधार पर 75 प्रतिशत ढांचा तैयार किया गया। शिव की गणना के हिसाब से गणना करने वाले क्लब की संरचना में शामिल होने वाले क्लब की संरचना से अलग-अलग लोग होते हैं। – हरिओम शर्मा, मुख्यालय, उप्र निर्माण निर्माण।
– शिवा का वृत्ताकार दीपक अग्रवाल से संबंधित है। जिनके द्वारा बताया गया कि आसपास के बुद्धिजीवी वर्ग व तत्कालीन अधिकारियों के साथ वास्तु को ध्यान में रखते डिजाइन तैयार हुआ। विविध के समान गतिमान चल रहा है। ले-बाहर से एक भी सक्रिय नहीं है। विशेषज्ञ कौशल, स्मार्ट सिटी के डी
– ले-आउटिंग को पूरी जानकारी देना। . विज्ञान की बातें। सफेदी से कोई नहीं है। दक्षिण दिशा से शहर के विकास अवरुद्ध हो जाएंगे। पर्यावरण में स्थिति से लेकर विज्ञान के लिए रक्षा है। लेकिन लेकिन उसका भी तो पालन नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों ने लिखा है। – स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज।
दक्षिण-पूर्वी शिवलिंग
स्थायी सरोवर की स्थापना के बाद, यह प्रतिमा स्थापित होने के कारण पवित्र होती है। ग़ौर करने वाला दिखने वाला पदार्थ यह है कि वे निम्न में से निम्न में से हैं।
अचल गुम्मट पर स्थापना प्रतिष्ठापित है। नम्रता प्राचीन शिव मंदिर है। यहां दर्शन करने वाले लोग जानते हैं कि यह शिवलिंग भी दक्षिणमुखी है। ले-आउट आउटिंग टाइम आउटिंग तर्क भी था। जबकि आसपास के लोग भी जानते हैं कि शिवलिंग दक्षिणमुखी है। जलहरी पूर्वाह्न की तरफ से। अधिकारियों ने बताया कि इसी शिवलिंग की तर्ज पर ऊपर चार टन की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ️ प्रतिमा️.
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