SEARCH

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    Long Island City

    -0.79°C

    Stormy
    4.12 km/h
    60%
    0.2h

    Latest News Videos

    Latest

    राष्ट्र निर्माण में गांधी चिंतन और शिक्षकों की अहम भूमिका, गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, वडोदरा में हुआ महात्मा गांधी राष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन और शिक्षक सम्मान समारोह

    वडोदरा: बालरक्षक प्रतिष्ठान महाराष्ट्र की गुजरात इकाई द्वारा आयोजित महात्मा गांधी राष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन वडोदरा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वाणिज्य भवन सभागार में भव्य रूप से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।मुख्य अतिथि और वक्ता ने शिक्षकों को किया सम्मानितकार्यक्रम में मुख्य अतिथि जयप्रकाश सोनी, अध्यक्ष वडोदरा शहर, और मुख्य वक्ता जनक सिंह मीना उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता रमेश कोठारी ने की। इस अवसर पर प्रोफेसर जनक सिंह मीना ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोई भी शिक्षक सामान्य नहीं होता, बल्कि वह भविष्य की पीढ़ियों को तैयार कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।गांधी चिंतन और मूल्य आधारित शिक्षा का महत्वप्रो जनक सिंह मीना ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि महात्मा गांधी के चिंतन और विचारों को न केवल पढ़ाया जाए, बल्कि अपने जीवन में अपनाया जाए। उनके विचार सत्य, अहिंसा, सर्वोदय और अंत्योदय की प्रेरणा देते हैं, जिन्हें शिक्षकों को अपने शिक्षण और व्यक्तिगत जीवन में आत्मसात करना चाहिए।शिक्षकों को समर्पित कविता ने बढ़ाया उत्साहसमारोह में उन्होंने शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक कविता भी प्रस्तुत की:"बढ़ो शिक्षको बढ़ो, तुम्हें तालीम नई अपनानी है,हर बालक के लिए स्वार्थ में पतित नहीं होने देना,निस्वार्थ भावना पैदा कर कर्तव्यपरायणता लाना,अमर महात्मा गांधी के सपने साकार बना लाना,आज तुम्हें ये नाजुक कलियां चंदा सी चमकानी है,बढ़ो शिक्षको बढ़ो तुम्हें तालीम नई अपनानी है।"इस कविता के माध्यम से उन्होंने शिक्षकों को देश के भविष्य को संवारा करने की जिम्मेदारी का अहसास कराया।भारत की उदारवादी दृष्टि और वैश्विक मानवताप्रो मीना ने आगे कहा कि भारत का दृष्टिकोण हमेशा से उदारवादी रहा है और मानवता के प्रहरी की भूमिका निभाता आया है। हमारा दृष्टिकोण विश्वव्यापी है और हम पूरी दुनिया को "वसुधैव कुटुम्बकम्" की भावना से देखते हैं।देशभर के शिक्षकों का सम्मानइस कार्यक्रम में देशभर से आए शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य संयोजक धर्मेशभाई जोशी, मनोज चिंचोरे, नरेश वाघ, स्मिताबेन राणा, चेतनाबेन जोशी, निकिताबेन पटेल और लिलाबेन ठाकरडा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।समापन और संदेशकार्यक्रम का समापन शिक्षक और समाज को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने वाले संदेश के साथ हुआ। आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक केवल शिक्षा देने वाले नहीं, बल्कि भविष्य के निर्माणकर्ता और गांधी चिंतन के वाहक भी हैं।

    युवा शक्ति और राष्ट्र निर्माण का संगम बना जेईसीआरसी का एनसीसी इंडक्शन सेरेमनी –ब्रिगेडियर सौरभ सिंह शेखावत ने जेईसीआरसी में भरी देशभक्ति की हुंकार –महिलाओं की 34% भागीदारी ने बढ़ाया जेईसीआरसी नेवल विंग का गौरव –सर्विस बिफोर सेल्फ’ की भावना के साथ हुआ नए

    जयपुर। राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण और युवा शक्ति में अटूट विश्वास का परिचय देते हुए, जे.ई.सी.आर.सी. यूनिवर्सिटी के नेवल विंग एन.सी.सी. द्वारा सोमवार को इण्डक्शन सेरेमनी का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय सेना के पराक्रमी अधिकारी, 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) के पूर्व योद्धा और कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल एवं वरिष्ठ सेना मेडल जैसे वीरता पुरस्कारों से सम्मानित ब्रिगेडियर सौरभ सिंह शेखावत (सेवानिवृत्त) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यह कार्यक्रम जयपुर स्थित आर्मी और एयर विंग के कैडेट्स की उपस्थिति में एक ट्राई सर्विसेस का संगम बन गया, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में राष्ट्र सेवा का जज़्बा भरना था। कार्यक्रम में 3 राज नेवल यूनिट जयपुर के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर प्रदीप कुमार भी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस नए बैच के आगाज़ की सबसे खास बात देश भक्ति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी रही, जहाँ नए कैडेट्स में फीमेल कैडेट्स की संख्या लगभग 34% है। ब्रिगेडियर शेखावत ने अपने संबोधन में मिलिट्री लाइफ़ के चुनौतीपूर्ण और गौरवपूर्ण पलों को साझा करते हुए कैडेट्स को कहा कि ट्रेनिंग में जो भी सिखाया जाता है, वो खून और कुर्बानियों से लिखा गया है। नेतृत्व के अपने अनुभव से उन्होंने बताया कि एक लीडर की निडरता ही उसकी टीम की ताकत बनती है। अंत में उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे अपने सपनों को सिर्फ देखें ही नहीं, बल्कि उसे पूरा करने के लिए एक जुनूनी की तरह जुट जाएं। मेजर जनरल टी. के. दास ने भी साहस, शौर्य और अटूट भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए कहा कि फौज में धर्म और जाति सिर्फ एक होती है - आपकी यूनिट। लोनावाला स्थित आई.एन.एस. शिवाजी में आयोजित प्रतिष्ठित 'अखिल भारतीय नौ सैनिक कैंप' में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नौ कैडेट्स को ब्रिगेडियर शेखावत द्वारा सम्मानित किया गया।और हाल हीं में हुए एआईएनएससी 2025 में जेईसीआरसी के सात कैडेट्स ने हिस्सा लिया था, जिनमें कैडेट रुद्र गेपला ने फायरिंग में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे राजस्थान का नाम रोशन किया। समारोह में जयपुर के सेंट जेवियर्स, महाराजा कॉलेज, निम्स यूनिवर्सिटी एंड स्कूल, सुबोध कॉलेज, सुबोध महिला कॉलेज, गवर्नमेंट कॉलेज और बंसल पब्लिक स्कूल के कैडेट्स भी शामिल हुए।समारोह का समापन कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत के साथ हुआ, जो सिर्फ एक प्रस्तुति नहीं थी, बल्कि मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए जेईसीआरसी की युवा पीढ़ी का जोशीला संकल्प थी, जो “सर्विस बिफ़ोर सेल्फ” की भावना को साकार करता है।

    दीयों की रौशनी से हरित भविष्य की ओर: रिस्पायर 25, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, 5 लाख पेड़ों का संकल्प और 20 लाख का फंड – रिस्पायर 25 ने बदली सोच से दिशा तक, युवा, विचार और वचन – साथ आए सस्टेनेबल कल के लिए, रिस्पायर 25: जहाँ यूथ ने सिखा, लीडरशिप भी ग्रीन हो सकती

    जयपुर। युवाओं में सस्टेनेबल फ्यूचर के निर्माण की अलख जगाने के उद्देश्य से जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के 'सेंटर फॉर सस्टेनेबिलिटी’ ने 'रिस्पायर 25' का आयोजन किया। इस  दो दिवसीय कार्यक्रम में देश के जाने-माने विशेषज्ञों के कीनोट सेशंस, राउंड टेबल कांफ्रेंस, और कई कंटेस्ट्स भी सम्मिलित थे, साथ ही सेंटर फॉर सस्टेनेबिलिटी का ऑफिशियल इंडक्शन भी हुआ।बिल्डिंग ड्रीम करियर: फ्रॉम क्लासरूम टू बोर्डरूम एवं बियोंड द एजुकेशन बबल: हाओ हाइयर एजुकेशन केन ड्राइव कम्युनिटी सस्टेनेबिलिटी जैसी इकोलॉजिकल थीम्स पर इस इवेंट ने उड़ान भरी। सस्टेनेबिलिटी को भविष्य का सबसे महत्वपूर्ण रास्ता बताते हुए, फॉर्मर इसरो साइंटिस्ट व सस्टेनेबिलिटी स्पेशलिस्ट पंक्ति पांडे ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं, बल्कि सोच और व्यवहार में मौलिक बदलाव लाना है। उन्होंने 'कार्बन फुटप्रिंट' को 'इंविज़िबल कचरा' बताते हुए, मिनिमलिस्ट लाइफ़स्टाइल अपनाने पर जोर दिया। यूएन वुमन की स्टेट कोऑर्डिनेटर, डॉ. मुक्ता अरोड़ा ने एसडीजी को व्यक्तिगत ज़रूरतों से जोड़ते हुए समझाया कि 'जेंडर' समाज द्वारा बनाई गई भूमिकाएं हैं, न कि कोई जैविक नियम। वहीं, सीएसआर लीडर, यूएन रिप्रेजेंटेटिव, सृष्टि दुबे ने भारत में एचआईवी से प्रभावित लोगों, विशेषकर एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के संघर्षों को साझा करते हुए ह्यूमन रिसोर्सेस और भावनात्मक शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, डिजिटल वर्ल्ड के चैलेंजेज को समझाते हुए भारती केओरा (आउटरीच एंड रिलेशनशिप्स, सस्टेनेबल ग्रीन इनिशिएटिव्स) और उनकी असिस्टेंट मधुमिता मज़ूमदार ने रेस्पोंसिबल कंटेंट क्रिएशन और पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन की बात की। राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में एक्सपर्ट्स ने इस बात पर खास ज़ोर दिया कि कैसे हर छात्र को, आगे बढ़ने और लीड करने का मौका दिया जाना चाहिए। चर्चा में यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए उठाए गए कदमों, और गिरते अटेंशन स्पैन पर भी प्रकाश डाला। 'रिस्पायर 25' में आयोजित छह अनूठी प्रतियोगिताओं ने छात्रों को सस्टेनेबिलिटी प्रिंसिपल्स को क्रिएटिव एवम प्रैक्टिकल तरीके से सीखने का अवसर दिया। 'सस्टेनेबल स्टाइल फैशन कॉन्टेस्ट' में रीसाइकल्ड मटेरियल से बने इको-फ्रेंडली फैशन का प्रदर्शन हुआ, तो 'रील/मीम कॉन्टेस्ट' ने एसडीजी पर मनोरंजक संदेश दिए। 'ज़ीरो वेस्ट कुकिंग कॉन्टेस्ट' ने कम से कम कचरे के साथ भोजन बनाने की कला सिखाई, जबकि 'मार्केट मेहेम' के माध्यम से छात्रों ने क्वालिटेटिव एजुकेशन के महत्व को प्रैक्टिकल रूप से समझा। इसके अलावा, 'पॉलिसी ड्राफ्टिंग हैकथॉन' और वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक्स पर आधारित 'इको-ट्रेस' जैसे आइडियाथॉन ने छात्रों को गंभीर समस्याओं के पॉलिसी बेस्ड सॉल्यूशंस खोजने के लिए प्रेरित किया। और अंत में सस्टेनेबिलिटी को हर एक तक पहुंचाने के लिए ‘ईको ओपन माइक’ का प्रबंध किया गया।जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर, अर्पित अग्रवाल ने यूथ से यूएन के 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को समझने और छोटे-छोटे कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने ने रिस्पायर के अगले वर्ज़न से पहले पूरे राजस्थान में 5 लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया, सस्टेनेबिलिटी पर काम करने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और एकेडेमिक क्रेडिट की घोषणा की, एक विशेष सस्टेनेबिलिटी लैब की स्थापना और ग्रीन स्टार्टअप्स के लिए 20 लाख रुपये के फंड का भी ऐलान किया।यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि इसने यह भी साबित किया कि ऐकडेमिक इंस्टीट्यूशंस की भूमिका केवल डिग्री देने तक सीमित नहीं, बल्कि एक बेहतर और सस्टेनेबल भविष्य के लिए युवा पीढ़ी को तैयार करना भी है।

    गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की ओर बड़ा कदम: नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू करने पर मंथन, शिक्षा विभाग ने किया रणनीतिक बदलाव पर विचार, बढ़ेंगे शिक्षण दिवस और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के अवसर

    जयपुर।बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और शैक्षणिक दिनों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग एक बड़े नवाचार की तैयारी कर रहा है। इसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र को 1 अप्रैल से शुरू करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।इस संबंध में शिक्षा संकुल में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें विभाग के उच्चाधिकारियों और शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने नए शैक्षणिक सत्र की योजना पर विस्तार से मंथन किया।शिक्षण गुणवत्ता और समय में वृद्धि का लक्ष्यबैठक में शिक्षा सचिव ने बताया कि नया शैक्षणिक सत्र एनईपी 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षण को और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल शैक्षणिक दिनों की संख्या 180 से बढ़कर 210-220 तक पहुंचेगी, बल्कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलेगा।साथ ही, सीबीएसई के शैक्षणिक कैलेंडर से तालमेल स्थापित होने से विद्यालयों में नामांकन दर में भी सुधार की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं को भी गंभीरता से सुना और उनका शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया।परीक्षा, पुस्तक वितरण और शिविरा में बदलाव की तैयारीमाध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उपस्थित प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए और कहा कि विभाग आवश्यक सहयोग सुनिश्चित करेगा। उन्होंने परीक्षा तिथियों, पुस्तक वितरण और स्कूलों में शिविरा की तिथियों में संभावित परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला।चर्चा के मुख्य मुद्देबैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख थे:• राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के उपाय• ओरल रीडिंग फ्लूएंसी (ORF) और बुनियादी साक्षरता व सांख्य ज्ञान (FLN) को मजबूत करना• शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति• सभी विद्यालयों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के संचालन को सुनिश्चित करनाअभिभावक जागरूकता को प्राथमिकताशिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने नए नवाचार को सफल बनाने के लिए अभिभावक जागरूकता अभियान पर जोर दिया। उनका मानना है कि अगर समय पर सभी अभिभावकों को जानकारी मिल जाए, तो बच्चों का शैक्षणिक अनुभव और भी बेहतर होगा।भविष्य की दिशाशिक्षा विभाग का यह कदम बच्चों के लिए अधिक शिक्षण समय, गुणवत्ता और उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। नई योजना के लागू होने के बाद उम्मीद है कि शिक्षा प्रणाली में स्थायी सुधार और विद्यार्थियों की सफलता दर में भी वृद्धि होगी।

    राजस्थान नीट यूजी 2025: तृतीय राउंड काउंसलिंग के लिए प्रोविजनल सीट मैट्रिक्स जारी

    जयपुर: राजस्थान नीट यूजी मेडिकल एवं डेंटल एडमिशन काउंसलिंग बोर्ड ने बुधवार दोपहर तृतीय राउंड के लिए एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों की प्रोविजनल सीट मैट्रिक्स जारी कर दी।काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा के अनुसार, सीट मैट्रिक्स विभिन्न कैटेगरीज के अनुसार तैयार की गई है। इसमें सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 1855 सीटें और डेंटल कॉलेजों में 400 सीटें शामिल हैं।एमबीबीएस सीटों का वितरणसरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 427 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें गवर्नमेंट कोटे की 61, गवर्नमेंट मैनेजमेंट कोटे की 13 और एनआरआई कोटे की 353 सीटें शामिल हैं। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कुल 1428 सीटें हैं, जिनमें जनरल कोटे की 1091 और मैनेजमेंट कोटे की 337 सीटें शामिल हैं।बीडीएस कोर्स के लिए सीटेंसरकारी डेंटल कॉलेजों में बीडीएस के लिए कुल 8 सीटें उपलब्ध हैं। प्राइवेट डेंटल कॉलेजों में जनरल कोटे की 317 और मैनेजमेंट कोटे की 75 सीटें शामिल हैं।चॉइस फिलिंग और ऑटो-लॉक की प्रक्रियाकैंडिडेट्स 15 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक अपनी पसंद की चॉइसेस भर सकते हैं। 19 अक्टूबर शाम 5:00 बजे सबमिट की गई सभी चॉइसेस ऑटो-लॉक हो जाएंगी। तृतीय राउंड के लिए सभी रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स को नई चॉइस भरना अनिवार्य है, पिछली सबमिट की गई चॉइसेस मान्य नहीं होंगी।सीट अलॉटमेंट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशनकाउंसलिंग बोर्ड 27 अक्टूबर को तृतीय राउंड का सीट अलॉटमेंट रिजल्ट अपनी वेबसाइट पर घोषित करेगा। कॉलेज अलॉटेड कैंडिडेट्स को 28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक अकादमिक ब्लॉक, सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर में अपने ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स और सिक्योरिटी डिपाजिट की स्लिप के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।नए कॉलेजों का शामिल होनाइस राउंड में दो नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज पहली बार शामिल होंगे। इसमें ईएसऑयसी, जयपुर सरकारी कॉलेज के रूप में और आर्य मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जयपुर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के रूप में भाग लेंगे।इस तरह तृतीय राउंड में कुल 33 सरकारी मेडिकल कॉलेज, 15 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, 2 सरकारी डेंटल कॉलेज और 15 प्राइवेट डेंटल कॉलेज अपने एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में एडमिशन देंगे।राजस्थान नीट यूजी 2025 की तृतीय राउंड काउंसलिंग उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण चरण साबित होगी। उम्मीदवारों को समय पर चॉइस भरने और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने की सलाह दी जा रही है।

    महाभारत के कर्ण अभिनेता पंकज धीर का निधन, इंडस्ट्री में शोक की लहर, 68 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, कैंसर से लंबे समय तक लड़ाई के बाद हुआ निधन

    मुंबई। फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका लगा है। पंकज धीर, जिन्होंने बीआर चोपड़ा के महाकाव्य टीवी सीरियल महाभारत में कर्ण का यादगार किरदार निभाया था, का 68 साल की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे पंकज धीर ने इस बीमारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी, लेकिन हाल के महीनों में कैंसर वापस लौट आया और उनका निधन हो गया।कैंसर से संघर्ष और अंतिम समयपंकज धीर ने कैंसर पर काबू पाया था और उनकी स्थिति पहले बेहतर थी, लेकिन कुछ समय बाद बीमारी ने फिर उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। उनकी सर्जरी भी हुई थी, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो सका। उनके निधन की खबर से फैन्स और इंडस्ट्री दोनों स्तब्ध हैं।परिवार और फिल्मों का सफरपंकज धीर का परिवार भी इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। उनके बेटे निकितन धीर और बहू कृतिका सेंगर भी एक्टिंग कर रहे हैं। पंकज धीर के पिता सीएल धीर मशहूर डायरेक्टर थे, जिन्होंने परवाना और माई फादर गॉडफादर जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। पंकज धीर ने अनीता धीर से शादी की थी, जो एक जाने-माने कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं।इंडस्ट्री और फैन्स के लिए एक बड़ी क्षतिपंकज धीर की एक्टिंग और उनके निभाए किरदार हमेशा याद रहेंगे। महाभारत में कर्ण का उनका रोल आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। उनके निधन की खबर ने फैन्स और सहयोगियों को गहरे शोक में डाल दिया है।अंतिम संस्कारपंकज धीर का अंतिम संस्कार 15 अक्टूबर को शाम 4.30 बजे विले पार्ले श्मशान घाट में किया जाएगा।

    बिहार चुनाव और अंता उपचुनाव में धनबल पर सख्त निगरानी, प्रवर्तन एजेंसियां अलर्ट मोड पर,चुनाव आयोग ने दिए कड़े निर्देश, व्यय पर्यवेक्षक तैनात — 2.45 करोड़ की जब्ती अब तक

    जयपुर। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और अंता उपचुनाव में धनबल, मुफ्तखोरी और अवैध प्रलोभनों पर लगाम कसने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने सभी प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव के दौरान किसी भी रूप में नकदी, शराब, ड्रग्स या अन्य सामग्री के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।व्यय पर निगरानी के लिए तैनात पर्यवेक्षकमुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की पारदर्शी और प्रभावी निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही, उड़न दस्ते, स्थिर निगरानी दल (SST) और वीडियो निगरानी टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय रहेंगी ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश पर तुरंत कार्रवाई हो सके।ऑनलाइन सिस्टम से होगी जब्ती की रिपोर्टिंगनिर्वाचन आयोग ने “इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ESMS)” नामक ऑनलाइन प्रणाली को भी सक्रिय कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रवर्तन एजेंसियां जब्ती और अवरोधन की जानकारी रियल टाइम में अपलोड करेंगी, जिससे पूरे राज्य में कार्रवाई का केंद्रीकृत मॉनिटरिंग संभव होगा।आमजन को परेशानी न हो, इसके निर्देशआयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जांच या निरीक्षण के दौरान प्रवर्तन टीमें किसी भी नागरिक को अनावश्यक परेशानी न पहुंचाएं। अंता विधानसभा क्षेत्र के मतदाता किसी भी उल्लंघन या संदेह की जानकारी सी-विजिल ऐप के माध्यम से सीधे रिपोर्ट कर सकते हैं।अंता उपचुनाव में अब तक 2.45 करोड़ की जब्तीअंता उपचुनाव-2025 के लिए आईआरएस अधिकारी मुकेश राठौड़ को व्यय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। अब तक इस क्षेत्र में 2 करोड़ 45 लाख रुपए मूल्य की जब्ती की जा चुकी है। इसमें पुलिस विभाग द्वारा 2 करोड़ 38 लाख रुपए, आबकारी विभाग द्वारा 6 लाख रुपए, तथा अन्य विभागों द्वारा लगभग 1 लाख रुपए की कार्रवाई शामिल है।निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और धनबल या प्रलोभन के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ऑर्गेनिक फूड मार्केट का शुभारंभ, कृषि ज्ञान धारा 2.0 का विधिवत प्रमोचन

    जयपुर।राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा, जयपुर में गुरुवार 16 अक्टूबर को दोपहर 2.30 बजे कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ऑर्गेनिक फूड मार्केट का उद्घाटन करेंगे। इसी अवसर पर कृषि ज्ञान धारा 2.0 का औपचारिक प्रमोचन और आईएचआईटीसी संस्थान की वार्षिक पत्रिका हरित दर्पण का विमोचन भी किया जाएगा।कृषि ज्ञान धारा 2.0 : किसानों के लिए तकनीकी जानकारी का नया माध्यमकृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने बताया कि आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए किसानों तक तकनीकी जानकारी और विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से कृषि ज्ञान धारा 2.0 कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।इस कार्यक्रम को पहले संस्करण की तुलना में और अधिक संवादात्मक एवं प्रभावी बनाया गया है। इसका पायलट संस्करण मार्च 2025 में शुरू किया गया था, जिसका विधिवत शुभारंभ अब किया जा रहा है।कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक और विभागीय अधिकारी भाग लेते हैं। विषय विशेषज्ञ सरल और रोचक तरीके से कृषि से जुड़ी समसामयिक जानकारियां किसानों तक पहुंचाते हैं। यह कार्यक्रम विभाग के यू-ट्यूब चैनल (कृषि ज्ञान धारा राजस्थान) पर प्रत्येक गुरुवार को शाम 3.00 से 4.00 बजे तक प्रसारित किया जाता है।इसमें 40 मिनट तक कृषि संबंधी जानकारी और 20 मिनट प्रश्नोत्तर सत्र होता है, जिसमें किसानों की समस्याओं के समाधान दिए जाते हैं। अब तक 27 एपिसोड प्रसारित किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 5 लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं।ऑर्गेनिक फूड मार्केट : जैविक उत्पादकों के लिए नया प्लेटफार्मराजन विशाल ने बताया कि राज्य में जैविक खेती से जुड़े उत्पादकों को उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ने और उपभोक्ताओं को प्रमाणित जैविक उत्पाद उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ऑर्गेनिक फूड मार्केट की स्थापना की गई है।प्रारंभिक चरण में इस मार्केट का संचालन राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में प्रत्येक शनिवार और रविवार को सुबह 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक किया जाएगा। यहां राजस्थान बीज एवं जैविक प्रमाणिकरण संस्था द्वारा प्रमाणित (स्कॉप सर्टिफिकेटधारी) उत्पादक अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे।इस मार्केट में कुल 10 स्थान निर्धारित किए गए हैं, जो उत्पादकों को निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक उत्पादक को अधिकतम तीन महीने तक स्थान दिया जाएगा। इच्छुक प्रमाणित उत्पादक संस्थान के निदेशक को आवेदन कर सकते हैं।मुख्य उद्देश्यऑर्गेनिक फूड मार्केट की स्थापना का मुख्य लक्ष्य जैविक उत्पादकों को अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार और बिक्री के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। साथ ही उपभोक्ताओं को प्रमाणित, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण जैविक उत्पाद एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है।

    आईआईएम रायपुर में ‘एमबीए इन पब्लिक पॉलिसी’ कोर्स की शुरुआत

    रायपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर, एक अग्रणी संस्थान जो ‘बिल्डिंग बिजनेस ऑनर’ के लिए जाना जाता है, ने अपने 16वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। इन 16 वर्षों के सफर में प्रबंधन शिक्षा, नवाचार और नेतृत्व विकास में अपनी अग्रणी भूमिका को उजागर करते हुए, इस अवसर पर शिक्षा और उद्योग जगत के प्रमुख नेताओं ने संस्थान की यात्रा पर विचार किया और भविष्य की कार्यशक्ति तैयार करने में इसके योगदान पर चर्चा की। इस अवसर पर निदेशक-प्रभारी प्रो. संजीव पराशर ने कहा, ‘‘पिछले सोलह वर्षों में, आईआईएम रायपुर ने न केवल एक मजबूत शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है, बल्कि नवाचार, शोध और उद्योग सहयोग का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। आने वाले वर्षों में हमारा ध्यान ऐसे भविष्य-तैयार नेताओं को तैयार करने पर है, जो जटिलताओं को फुर्ती, सहानुभूति और उद्देश्य के साथ संभाल सकें।‘‘ प्रो. भरत भास्कर, निदेशक, आईआईएम अहमदाबाद ने कहा कि आज के दौर में तकनीकी समझ के साथ मानवीय दृष्टिकोण से नेतृत्व करना बेहद ज़रूरी है। श्री संबासिवन जी, सीएफओ, टाटा प्ले ने इस बात पर जोर दिया कि कॉर्पोरेट दुनिया में अब बहु-विषयक सोच और फुर्ती से निर्णय लेने की क्षमता की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है। वहीं, श्री राजीव जैन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट मार्केटिंग, डीएस ग्रुप ने बताया कि किस तरह ब्रांड स्टोरीटेलिंग और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में मार्केटिंग को एक नया रूप दे रहे हैं।