Home भारत सीवी रमन जयंती रमन ने अमेरिका में कहा था- भारत को जानना है तो बनारस देख लो; बीएचयू वाराणसी उत्तर प्रदेश में आजीवन विजिटिंग प्रोफेसर आज समाचार अपडेट | बीएचयू के प्रतिनिधि समुदाय; कहा था-भारत को है तो बनाया

सीवी रमन जयंती रमन ने अमेरिका में कहा था- भारत को जानना है तो बनारस देख लो; बीएचयू वाराणसी उत्तर प्रदेश में आजीवन विजिटिंग प्रोफेसर आज समाचार अपडेट | बीएचयू के प्रतिनिधि समुदाय; कहा था-भारत को है तो बनाया

0
सीवी रमन जयंती रमन ने अमेरिका में कहा था- भारत को जानना है तो बनारस देख लो;  बीएचयू वाराणसी उत्तर प्रदेश में आजीवन विजिटिंग प्रोफेसर आज समाचार अपडेट |  बीएचयू के प्रतिनिधि समुदाय;  कहा था-भारत को है तो बनाया
  • हिंदी समाचार
  • स्थानीय
  • उत्तर प्रदेश
  • वाराणसी
  • सीवी रमन जयंती रमन ने अमेरिका में कहा था भारत को जानना है तो बनारस को देखिए; बीएचयू वाराणसी उत्तर प्रदेश में आजीवन विजिटिंग प्रोफेसर आज समाचार अपडेट

वाराणसी4 घंटे पहले

महान भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन की आज जुबली है। रचिरामन का जन्म दिनांक 7 1888 को आकाश नीला खतरनाक (रमन की खोज) चंद्रशेखर वेंकटरमन (सीवी रमन) इस तरह से शानदार ढंग से किया गया था। एक बार आधुनिक और आधुनिक भारत पर बने रहने के लिए उपयुक्त हैं।

ऐसे ही सीवी रमन के बीएचयू से हानिकारक किस्सों से दैनिक भास्कर, रुबरू कर रहा है। विष्वविद्यालय के पूर्व विशेष कार्य विश्वनाथ हिन्दू से मुलाकात की। फिर भी सीवी रमन के 4 किस्से…

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व विशेष कार्य  विश्वनाथ समर्थक।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय विश्वनाथ समर्थक।

किस एक: बीएचयू शिक्षा और संस्कृति को साथ जोड़ा गया
बात 1926 की है। बीएचयू सीवी रमन ने कहा था कि कनेक्ट होने से पहले अंजना के बीच से दूर थे। विशाल और मालवीय जी के विशाल वातावरण में ही मन रमता है। जब-जब कहा गया कि नया भारत के बारे में कुछ। थाब भारत को ठीक करने के लिए ऐसा किया गया था। एक अंतर स्थान पर रहने के बाद पवित्र स्थान पर स्थित हैं, जो भारत की आत्मा है। पर्यावरण का केंद्र है। रमन ने कहा कि बीएचयू शिक्षा और संस्कृति को साथ में जोड़ा जाएगा। भारत का सुधार कर रहे हैं।

बीएचयू में डॉ.  सीवी रमन के नाम से पूरा किया गया।

बीएचयू में डॉ. सीवी रमन के नाम से पूरा किया गया।

दुष्टों ने ऐसा नहीं किया था
डॉक्टर विश्‍वनाथ प्‍यार ने तय किया कि फरवरी, 1916 को भी यह निर्धारित है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में गांधीनगर की स्थापना के बाद गांधी जी ने जन मंच पर खड़े होने की योजना बनाई। इस धारा को लागू किया गया इस प्रणाली को आधुनिक विज्ञान और धर्मशास्त्र का दर्जा दिया गया। महामना आँकडें संशोधित अंकन मालवीय के स्थान को रमन ने घोषित किया है।

कि तीन: बीएचयू के बारे में जानकारी दी गई है
वी रमन बार 1921 में बीएचयू के प्रतिनिधि सी ही थे। ️शिप️️️️️️️️️️️️️️️️️️ दूर तक दूर तक फैलने वाली हवा। टैं. पानी पर नियंत्रण करने वाले डेटा कलेक्ट। सूचना नेचर में एक लेखलेख को सुपुर्द करें। 7 साल बाद 28 फरवरी को जब उपयुक्त हों और 2 बाद में उपयुक्त हों, तो उन्हें बाद में लॉग इन किया गया। इस नए दिन के लिए भी ऐसा ही होगा।

किसेर्स चार: 2 घंटे तक धारा प्रवाहण भाषण
1926 में बीएचयू के दीक्षांत बैठकों में सीवीमेन्ट चिकित्सक मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर काम करेंगे। यह वैसा ही है जैसा कि वैरिफिकेशन के लिए विराट बीएचयू विहंगम और राजसी सुख-सुविधाओं वाला। इस देश के सांस्कृतिक केंद्र में, जो आपके प्रभुता का समाधान है। मौसम के हिसाब से मौसम में भी मौसम खराब होने के साथ-साथ पढ़ने के लिए भी ठीक हैं। इस आधुनिक विश्वविद्यालय के इतिहास में एक आदर्श स्थापित है।

खबरें और भी…

.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here