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    अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम में कटौती की जाएं

    1 day ago

    अर्धवार्षिक परीक्षा दिसंबर के बजाय 20 नवंबर से प्रारंभ होना
    पाठ्यक्रम जल्दी-जल्दी पढ़ाने से अंक तथा गुणवत्ता पर प्रभाव होना
    शिविरा पंचांग 2025-26 में निर्धारित 12 से 23 दिसंबर तक निर्धारित अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में परिवर्तन कर 20 नवंबर से 1 दिसंबर तक  आयोजन किया जा रहा है।
    संगठन का मानना है कि -
    1- अर्धवार्षिक परीक्षा में कक्षा 10 तथा 12 में संपूर्ण पाठ्यक्रम और कक्षा 9 तथा 11 में 70% पाठ्यक्रम शामिल किया जाता है।
    2- शिक्षक सम्पर्क पाठ्यक्रम में से प्रति सप्ताह, प्रति माह पढ़ाए जाने वाले पाठ व ईकाई का विभाजन कर जुलाई में वार्षिक पाठ योजना तैयार करते हैं।
    3- शिक्षक वार्षिक पाठ योजना के अनुरूप दिसंबर तक कक्षा 10 कक्षा 12 के लिए 100% और कक्षा 9 व कक्षा 11 को 70% के लिए पढ़ाई करवा रहे थे।
    4- अब दिसंबर तक पूरे करवाने वाले पाठ व ईकाई जल्दी पढ़ाकर 18 नवम्बर तक पूरे करवाने होंगे।
    5- जल्दी-जल्दी पढ़ाने से विषय के अधिगम तथा गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जल्दी पाठ्यक्रम पूरा करवाने से विद्यार्थियों के कम अंक आने की संभावनाएं बनेंगी।
    6- कक्षा 10 तथा कक्षा 12 के लिए अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का सर्वाधिक महत्व है।
    7-  सह शैक्षिक गतिविधियों, टैस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा में प्राप्तांको के आधार पर 20% अंतराकन भेजे जाते हैं।
    8- कक्षा 10 तथा कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांको में 20% अंतराकन शामिल होते हैं तथा इनसे पास, श्रेणी,  मैरिट निर्धारित होती हैं।
    9- दिसंबर 2025 तक निर्धारित पाठ्यक्रम 18 नवंबर तक पूरा करवाने पर बोर्ड रिजल्ट न्यून रहने तथा शिक्षकों को आरोप पत्र मिलने की संभावनाएं बनेंगी।
         राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के मुख्य महामंत्री महेंद्र पाण्डे ने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम में 20% कटौती कर इसी अनुसार प्रश्न पत्र निर्माण करवाया जाना समिचीन रहेगा।
    राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि
    इस समय निर्वाचन आयोग का SIR प्रोग्राम  कारण से और ज्यादा शिक्षकों को BLO बनाया गया है और पूरे एक माह वह कार्य करेंगे ऐसे में स्कूलों की पढ़ाई और बाधित होगी और सिलेबस पहले ही पूर्ण नहीं हुआ है ऐसे में सिलेबस की दिक्कत और ज्यादा आएगी। बच्चों पर मानसिक दबाव है, एक महीने पहले परीक्षा है आयोजित होने से, परिक्षा सिलेबस में 20./.कैटोती होनी चाहिए।

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