जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के नेतृत्व में राजस्थान दिव्यांग कर्मचारी संघ द्वारा एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन सिविल लाइन फाटक स्थित विशेषयोग्यजन भवन, जयपुर में आयोजित किया गया।
धरना प्रातः 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक चला, जिसमें प्रदेशभर से आए 300 से अधिक दिव्यांग कर्मचारी शामिल हुए।
नेताओं ने रखी अपनी बातें, सौंपा ज्ञापन
धरना सभा को महासंघ प्रमुख महेंद्र सिंह चौधरी, अध्यक्ष दयानन्द सोनी, विपिन प्रकाश शर्मा, योगेंद्र सिंह सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।
इस दौरान निदेशक विशेषयोग्यजन केशरलाल मीना (IAS) को विस्तृत मांग पत्र सौंपा गया।
धरने के पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा से सचिवालय में भेंट की, जहाँ वार्ता के बाद उन्होंने सकारात्मक आश्वासन प्रदान किया।
मुख्य मांगें और मुद्दे
धरने के दौरान प्रस्तुत मांग पत्र में कई प्रमुख बिंदु शामिल रहे, जिनमें प्रमुख हैं –
• पदोन्नति में 4 प्रतिशत आरक्षण नोशनल आधार पर लागू किया जाए।
• कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 28 अगस्त 2025 को वापस लिया जाए।
• दिव्यांग कर्मचारियों को आवास के निकटतम स्थानों पर स्थानांतरण (पोस्टिंग) दी जाए।
• वाहन भत्ता में वृद्धि की जाए।
• दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जाए।
• फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
• दिव्यांगों के साथ भय या पक्षपात न किया जाए तथा पारदर्शिता बनाए रखी जाए।
• बेंचमार्क डिसेबिलिटी को ही सभी प्रकार की छूट व सुविधाओं का आधार माना जाए।
• री-मेडिकल जांच में केवल प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जाए और पहले से बने प्रमाणपत्रों को मान्यता दी जाए, यदि वे अधिनियम 1995 की गाइडलाइनों के अनुरूप हैं।
इन सभी मुद्दों पर सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की गई।
संघर्ष समिति का गठन
धरने के उपरांत एक संघर्ष समिति का गठन किया गया, जिसमें लोकेश कुमार (भरतपुर), मदन मोहन, मनोज खंडेलवाल, दिनेश शर्मा, नेमीचंद शर्मा, कमल किशोर, कैलाश चंद जाट (जयपुर) तथा नित्यानंद को शामिल किया गया।
इस समिति का उद्देश्य मांगों की प्रगति पर निगरानी रखना और आगे की रणनीति तय करना रहेगा।
नेताओं के वक्तव्य और चेतावनी
महासंघ प्रमुख महेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि दिव्यांग कर्मचारियों की समस्याएँ हमारी सामूहिक जिम्मेदारी हैं और महासंघ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष दयानन्द स्वर्णकार ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर सरकार द्वारा मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
धरने का उद्देश्य
इस सांकेतिक धरने का उद्देश्य दिव्यांग कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, भेदभावरहित नीतियों की मांग और प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता बढ़ाना रहा।
कार्यक्रम शांतिपूर्ण और अनुशासित माहौल में संपन्न हुआ तथा प्रतिभागियों ने एकजुट होकर आगे भी संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
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