जयपुर। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर कानोडिया पी.जी. महिला महाविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा “क्या डेटा स्पीड में तीव्र वृद्धि एक वरदान है या अभिशाप?” विषय पर अंतरमहाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ और प्रेरक संबोधन
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल के प्रेरणादायक शब्दों से हुआ। उन्होंने छात्राओं को विषय की गहराई में जाकर विचार करने तथा आत्मविश्वास के साथ अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी का सही उपयोग ही विकास की दिशा तय करता है।
विभिन्न महाविद्यालयों की सक्रिय भागीदारी
प्रतियोगिता में जयपुर के प्रमुख महाविद्यालयों – यूनिवर्सिटी महाराजा कॉलेज, महारानी कॉलेज, राजस्थान कॉलेज, एस.एस.जी. पारीक कॉलेज और परिष्कार कॉलेज – से कुल 10 टीमों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने सारगर्भित तर्क प्रस्तुत करते हुए समाज और तकनीक के संबंध पर गहन दृष्टिकोण रखा। लगभग 60 विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की।
निर्णायक मंडल एवं मूल्यांकन
प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉ. मनीषा गुप्ता (सह-प्राध्यापक, भौतिकी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय) और डॉ. जयंती गोयल (कंप्यूटर विभाग, के.एम.एम. जयपुर) द्वारा किया गया। निर्णायकों ने प्रतिभागियों के आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति, तर्कशक्ति और भाषा शैली की सराहना की तथा उन्हें प्रभावी संवाद की कला पर मूल्यवान सुझाव दिए।
विजेता प्रतिभागी
वाद-विवाद प्रतियोगिता में पक्ष में कानोडिया पी.जी. महिला महाविद्यालय की ऐश्वर्या ओझा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि विपक्ष में एस.एस.जी. पारीक कॉलेज के स्पर्श माहेश्वरी विजेता रहे। निर्णायकों ने विजेताओं को उत्कृष्ट अभिव्यक्ति और सटीक तर्कों के लिए बधाई दी।
समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का समापन विभागाध्यक्ष डॉ. सरला शर्मा द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने निर्णायकों, प्रतिभागियों और उपस्थित विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता केवल वाद-विवाद तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विचारों और दृष्टिकोण को जीवंत करने का प्रयास भी थी।
आयोजन टीम और उद्देश्य
पूरे कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. सुमिता शेखावत, डॉ. दीप्ति चौहान, डॉ. मनीषा कुमारी और डॉ. हर्षा शर्मा द्वारा किया गया। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच, तर्कपूर्ण अभिव्यक्ति तथा प्रौद्योगिकी के जिम्मेदार उपयोग के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था।
यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए न केवल एक अकादमिक अनुभव रही, बल्कि इसने उन्हें डिजिटल युग के अवसरों और चुनौतियों पर विचार करने के लिए भी प्रेरित किया।
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