जयपुर। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और अंता उपचुनाव में धनबल, मुफ्तखोरी और अवैध प्रलोभनों पर लगाम कसने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने सभी प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव के दौरान किसी भी रूप में नकदी, शराब, ड्रग्स या अन्य सामग्री के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
व्यय पर निगरानी के लिए तैनात पर्यवेक्षक
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की पारदर्शी और प्रभावी निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही, उड़न दस्ते, स्थिर निगरानी दल (SST) और वीडियो निगरानी टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय रहेंगी ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
ऑनलाइन सिस्टम से होगी जब्ती की रिपोर्टिंग
निर्वाचन आयोग ने “इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ESMS)” नामक ऑनलाइन प्रणाली को भी सक्रिय कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रवर्तन एजेंसियां जब्ती और अवरोधन की जानकारी रियल टाइम में अपलोड करेंगी, जिससे पूरे राज्य में कार्रवाई का केंद्रीकृत मॉनिटरिंग संभव होगा।
आमजन को परेशानी न हो, इसके निर्देश
आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जांच या निरीक्षण के दौरान प्रवर्तन टीमें किसी भी नागरिक को अनावश्यक परेशानी न पहुंचाएं। अंता विधानसभा क्षेत्र के मतदाता किसी भी उल्लंघन या संदेह की जानकारी सी-विजिल ऐप के माध्यम से सीधे रिपोर्ट कर सकते हैं।
अंता उपचुनाव में अब तक 2.45 करोड़ की जब्ती
अंता उपचुनाव-2025 के लिए आईआरएस अधिकारी मुकेश राठौड़ को व्यय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। अब तक इस क्षेत्र में 2 करोड़ 45 लाख रुपए मूल्य की जब्ती की जा चुकी है। इसमें पुलिस विभाग द्वारा 2 करोड़ 38 लाख रुपए, आबकारी विभाग द्वारा 6 लाख रुपए, तथा अन्य विभागों द्वारा लगभग 1 लाख रुपए की कार्रवाई शामिल है।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और धनबल या प्रलोभन के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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