अफगान सैनिकों का पाक चौकियों पर हमला:
डूरंड लाइन पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर उबाल पर है। शनिवार देर रात अफगान सैनिकों ने पाकिस्तान की कई बॉर्डर पोस्ट पर अचानक गोलाबारी कर दी। अफगानिस्तान का कहना है कि यह हमला जवाबी कार्रवाई के तहत किया गया, क्योंकि तीन दिन पहले पाकिस्तान ने उनके इलाके में हवाई हमले किए थे।
दो चौकियों पर कब्जा, 12 पाक सैनिक मारे गए:
अफगान मीडिया संस्था टोलो न्यूज के अनुसार, तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की दो सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है। हमले में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि कुछ अन्य घायल हुए हैं। अफगान लड़ाकों ने कुनार और हेलमंद प्रांतों के पास डूरंड लाइन के पार कई पाकिस्तानी पोस्टों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
अफगान रक्षा मंत्रालय की चेतावनी:
अफगान रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “हमारा ऑपरेशन आधी रात को खत्म हो गया। अगर पाकिस्तान ने फिर सीमा उल्लंघन किया, तो हमारी सेना जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।” अफगानिस्तान ने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा बताया है।
पाकिस्तान का पलटवार: भारत जैसी प्रतिक्रिया मिलेगी:
इस घटना पर पाकिस्तान का भी कड़ा रुख सामने आया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा, “हम अफगानिस्तान को भारत की तरह मुंहतोड़ जवाब देंगे। ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। हम चुप नहीं बैठेंगे।”
चार मोर्चों से हुआ हमला, ड्रोन भी गिराए:
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के एक अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान की ओर से चार अलग-अलग स्थानों पर हमले किए गए। पाकिस्तानी सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारी गोलीबारी की। इस दौरान तीन अफगान ड्रोन मार गिराए गए, जिनमें बम होने की आशंका जताई गई है।
सऊदी अरब की मध्यस्थता की अपील:
तेजी से बिगड़ते हालात को देखते हुए सऊदी अरब ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है। सऊदी सरकार ने कहा कि इस तरह की सैन्य कार्रवाइयों से पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैल सकती है।
काबुल में हुए हवाई हमलों से उपजा तनाव:
9 अक्टूबर को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हवाई हमले हुए थे। तालिबान सरकार का आरोप है कि ये हमले पाकिस्तान की ओर से किए गए। हालांकि पाकिस्तान ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन उसने अफगान सरकार को यह चेतावनी जरूर दी कि वे अपनी जमीन से TTP को गतिविधि न करने दें।
इस पर अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “पाकिस्तान हमारे साथ खेल खेलना बंद करे। एक बार ब्रिटेन और अमेरिका से पूछ लो, वे तुम्हें समझा देंगे कि अफगानिस्तान के साथ ऐसा करना कितना भारी पड़ सकता है।”
कौन है TTP? :
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की स्थापना 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर की थी।
यह संगठन मुख्य रूप से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ लड़ता है।
इसका नेटवर्क पाकिस्तानी कबायली क्षेत्रों और अफगानिस्तान की सीमाओं तक फैला हुआ है।
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि अगर TTP को न रोका गया, तो यह संगठन एटमी हथियारों तक पहुंच सकता है।