बहरीन में 22 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक होगा खेलों का रोमांच, देश को दिलाएगी गौरव
जालोर की सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली एक युवा लड़की ने अपने खेल के जुनून और मेहनत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। यह वही बेटी है, जिसके पिता शहर की सफाई कर्मचारी हैं और जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया।
ओलिंपिक काउंसिल ऑफ एशिया की ओर से बहरीन में 22 अक्टूबर से शुरू हो रहे एशियन यूथ गेम्स में यह युवा खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। यह खेल 31 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें एशिया भर के देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि जालोर की इस बेटी की मेहनत, अनुशासन और लगन उसे खेल के मैदान में एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। जालोर शहर में भी इस सफलता पर खुशी और गर्व का माहौल है। लोगों का कहना है कि यह कहानी साबित करती है कि कठिन मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
खिलाड़ी ने अपने प्रारंभिक दौर से ही विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन किया। अब उसका लक्ष्य है एशियन यूथ गेम्स में देश का नाम रोशन करना और आने वाले समय में ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व करना।
जालोर के लोगों का कहना है कि यह उपलब्धि न केवल खेल जगत के लिए बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। यह कहानी दिखाती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, आत्मविश्वास और मेहनत से कोई भी ऊंचाई छू सकता है।