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    समय पर किताबें मिलेंगी, गर्मियों में पढ़ाई का अवसर; स्कूलों में राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत अनिवार्य: दिलावर

    21 hours ago

    शैक्षणिक सत्र अब 1 अप्रैल से शुरू होगा
    सभी के लिए एक जैसी यूनिफॉर्म और आईडी कार्ड लागू होंगे
    कोटा । शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि अब राज्य में शिक्षा विभाग का शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को समय पर किताबें मिल सकेंगी और उन्हें गर्मियों की छुट्टियों में अध्ययन का पर्याप्त समय मिलेगा। अभी तक शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई से प्रारंभ होता था।

    कोटा विश्वविद्यालय में पत्रकारों से बातचीत में दिलावर ने कहा कि शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और पंचायती राज विभाग के सभी कार्यालयों में अब दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से और समापन राष्ट्रगीत से किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के समय उपस्थित रहने वाले कर्मचारियों की ही उपस्थिति दर्ज मानी जाएगी।
    विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी अब अभिभावकों तक
    दिलावर ने बताया कि अब विद्यार्थियों के स्कूल पहुंचने या अनुपस्थित रहने की जानकारी उनके अभिभावकों को तत्काल दी जाएगी। शाला दर्पण पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर एसएमएस के माध्यम से यह सूचना भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए तकनीकी व्यवस्था तैयार कर ली गई है और जल्द ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। इससे अभिभावकों को अपने बच्चों की उपस्थिति की सटीक जानकारी समय पर मिल सकेगी।
    सरकारी व निजी स्कूलों में एक जैसी यूनिफॉर्म
    शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अब एक जैसी यूनिफॉर्म होगी। नई ड्रेस कोड में टाई शामिल नहीं होगी। उन्होंने बताया कि आगे चलकर शिक्षकों के लिए भी एक समान यूनिफॉर्म लागू की जाएगी। इसके साथ ही अध्यापकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए पहचान पत्र (आईडी कार्ड) अनिवार्य किया जाएगा।
    तीन विभागों में समान नीति लागू
    दिलावर ने बताया कि उनके पास वर्तमान में पंचायती राज, शिक्षा और संस्कृत विभाग की जिम्मेदारी है, और इन तीनों विभागों में समान नीति लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन विभागों में राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत की परंपरा को नियमित रूप से लागू किया जाएगा।
    उन्होंने कहा — “हमारी कोशिश है कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और समयबद्धता का समावेश हो। विद्यार्थी न केवल ज्ञान प्राप्त करें, बल्कि अपने देश और समाज के प्रति भी जिम्मेदार बनें।”

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