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    तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2025 — 7,759 पद ऊंट के मुंह में जीरा समान, बेरोजगारों में गहरा आक्रोश

    2 hours ago

    जयपुर। राजस्थान में प्रस्तावित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 (REET लेवल-I एवं लेवल-II) को लेकर पूरे प्रदेश में शिक्षित बेरोजगार युवाओं में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
    राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा इस बार मात्र 7,759 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जारी किया गया है,
    जिसमें —
    लेवल-I (प्राथमिक शिक्षक) हेतु 5,636 पद,
    लेवल-II (उच्च प्राथमिक शिक्षक) हेतु 2,123 पद शामिल हैं।
    अभ्यर्थियों का कहना है कि यह संख्या “ऊंट के मुंह में जीरा” समान है और अब तक के इतिहास में सबसे कम पदों वाली शिक्षक भर्ती है।
    लाखों अभ्यर्थी, जो वर्षों से REET एवं ग्रेड-III शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, इसे अपने भविष्य के साथ गंभीर अन्याय मान रहे हैं।
    राजस्थान बेरोजगार यूनियन के महासचिव रामदेव चोटिया ने कहा — “राजस्थान सरकार द्वारा केवल 7,759 पदों पर भर्ती निकालना लाखों शिक्षित युवाओं की मेहनत और उम्मीदों का अपमान है।
    शिक्षा विभाग में हजारों पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं।
    सरकार को यह संख्या बढ़ाकर कम से कम 30,000 से 40,000 पदों तक करनी चाहिए,
    ताकि अधिक से अधिक योग्य अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर मिल सके।”
    चोटिया ने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भारी कमी के कारण अनेक विद्यालयों में शिक्षण कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।
    ऐसी स्थिति में सीमित पदों पर भर्ती निकालना प्रदेश के शैक्षणिक भविष्य को कमजोर करने जैसा है।
    मुख्य मांगें:
    1. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2025 में पदों की संख्या बढ़ाकर कम से कम 30,000 से 40,000 की जाए।
    2. भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए, ताकि चयन प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न हो।
    3. सभी विषयों में रिक्त पदों की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
    4. विशेष शिक्षकों के लिए अलग से पर्याप्त पद सृजित कर अलग भर्ती प्रक्रिया चलाई जाए।
    5. भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रखी जाए, ताकि किसी भी वर्ग के साथ अन्याय न हो।
    विशेष शिक्षकों की मांग:
    राज्य के विद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों की भारी कमी है।
    कई स्कूलों में विशेष शिक्षक न होने के कारण दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और विकास प्रभावित हो रहा है। इसलिए सरकार से यह मांग की गई है कि —
    3,000 से 5,000 पद विशेष शिक्षकों के लिए अलग से सृजित किए जाएं, और इन पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए,
    ताकि विशेष शिक्षा विभाग को सुदृढ़ बनाया जा सके।
    रामदेव चोटिया ने कहा कि यदि सरकार ने युवाओं की भावनाओं को नहीं समझा और पदों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की,
    तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।
    उन्होंने आगे कहा —जब प्रदेश में लाखों अभ्यर्थी वर्षों से तैयारी कर रहे हैं, तब केवल 7,759 पदों की घोषणा बेरोजगारों के साथ नाइंसाफी है।
    सरकार को युवाओं की भावना को समझते हुए भर्ती में पर्याप्त पदों की घोषणा करनी चाहिए।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि आगामी REET / तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2025 को
    कम से कम 30,000–40,000 पदों पर आयोजित किया जाता है, तो इससे न केवल हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि
    राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात सुधरेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
    राजस्थान बेरोजगार यूनियन ने स्पष्ट किया है कि युवाओं की आवाज़ को अनसुना नहीं किया जा सकता।
    प्रदेश के हजारों शिक्षित बेरोजगारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं,
    तो आंदोलन को राज्यव्यापी जनआंदोलन का रूप दिया जाएगा।

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