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    ऑस्ट्रेलिया को रुलाया, भारत की बेटियां खुशी के समंदर में डूबीं

    1 day ago

    नवी मुंबई में इतिहास रचा – महिला टीम फाइनल में पहुँची, बना विश्व रिकॉर्ड रन चेज
    नवी मुंबई।
    विश्व क्रिकेट के इतिहास में यह वह शाम थी जब भावनाएं, जुनून और गर्व—तीनों एक साथ मैदान पर उतर आए। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वनडे विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए फाइनल में प्रवेश किया। इस जीत ने न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के 15 मैचों के अजेय अभियान को तोड़ा, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा रन चेज पूरा कर भारत का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज कर दिया।
    जेमिमा के बल्ले से निकली भावनाओं की बौछार
    339 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए जेमिमा रोड्रिग्स ने वह किया जिसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी। 134 गेंदों पर नाबाद शतक ठोकते हुए उन्होंने भारत को जीत की मंजिल तक पहुँचाया। विनिंग शॉट लगते ही जेमिमा मैदान पर फूट-फूटकर रो पड़ीं — वह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया।
    उनकी इस भावनात्मक पारी में 14 चौके शामिल रहे। कई बार जीवनदान मिलने के बावजूद उन्होंने हर मौके को मौके पर बदला और अपने नाम के साथ भारतीय क्रिकेट की नई परिभाषा लिख दी।
    हरमनप्रीत और मंधाना – हौसले और भरोसे की साझेदारी
    कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक बार फिर अपने जज्बे से टीम का नेतृत्व किया। 89 रनों की शानदार पारी खेलते हुए उन्होंने जेमिमा के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की। यही वह साझेदारी थी जिसने भारत की जीत की नींव रखी।
    विजय के क्षणों में हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना का गले लगना मानो भारत की करोड़ों बेटियों की भावनाओं को आवाज दे रहा था।
    अमनजोत ने दिलाया फाइनल का टिकट
    49वें ओवर में जब भारत को जीत के लिए कुछ ही रनों की जरूरत थी, अमनजोत कौर ने ओवर की तीसरी गेंद पर चौका जड़कर इतिहास रच दिया। पूरा मैदान झूम उठा। भारतीय खिलाड़ी मैदान में दौड़ पड़े, कोई हंसते हुए रो रहा था, तो कोई आंसुओं में खुशी तलाश रहा था।
    ऑस्ट्रेलिया के लिए ‘कड़वी हार’
    ऑस्ट्रेलिया की टीम, जो पिछले दो विश्व कप चरणों में अपराजित रही थी, इस हार को शायद ही आसानी से भूल पाए। फोबे लिचफील्ड का शतक भी उनकी टीम को बचा नहीं सका। भारत ने 341 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से मात दी और विश्व कप इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज पूरा किया।
    भारत की बेटियां – नए युग की पहचान
    यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और सपनों का संगम था। नवी मुंबई की इस रात ने साबित कर दिया कि अब भारतीय महिला क्रिकेट किसी भी चुनौती के सामने झुकने वाला नहीं।
    भारत तीसरी बार वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है — और इस बार, कहानी अधूरी नहीं रहेगी।
    फाइनल अब बस एक कदम दूर है, पर इतिहास पहले ही लिखा जा चुका है — भारतीय बेटियों के नाम।

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