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    जल जीवन मिशन: ₹2.08 लाख करोड़ के केन्‍द्रीय परिव्यय के साथ, 15.72 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया जाएगा

    5 hours ago

     

    • 15.72 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को अब नल का सुरक्षित पानी उपलब्ध है।
    • मिशन (2019) की शुरुआत के समयकेवल 3.23 करोड़ घरों में ही नल का पानी उपलब्ध था। तब से12.48 करोड़ अतिरिक्त घरों को इससे जोड़ा गया हैजो भारत के सबसे तेज़ बुनियादी ढाँचे के विस्तार में से एक है।  
    • मिशन तैयार करने के दौरान करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित करने की क्षमता हैतथा लगभग 25 लाख महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि देश में सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल की व्यवस्था होने से डायरिया से होने वाली 4 लाख मौतों को टाला जा सकेगा। यह भी अनुमान है कि देश में सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल की सार्वभौमिक पहुँच से लगभग 14 मिलियन डीएएलवाई (दिव्‍यांगता-समायोजित जीवन वर्ष) को टाला जा सकेगा।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने से जल संग्रहण में लगने वाले समय में महत्वपूर्ण बचत होगी (प्रतिदिन 5.5 करोड़ घंटे)विशेषकर महिलाओं के मामले में (इस बोझ का तीन-चौथाई हिस्सा)।
    • भारत भर में 2,843 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं ने 2025-26 में 38.78 लाख नमूनों का परीक्षण कियाजिससे जल गुणवत्ता की कड़ी निगरानी सुनिश्चित हुई।

    भारत ने जल जीवन मिशन (हर घर जल) के तहत एक बड़ी उपलब्धि हासिल की हैजिसके तहत अब 81 प्रतिशत से ज़्यादा ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध हो रहा है। 22 अक्टूबर 2025 तक15.72 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण घरों को घरेलू नलों के ज़रिए सुरक्षित पेयजल मिल रहा हैजो ग्रामीण भारत में सार्वभौमिक जल सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तहतसरकार ने राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को ₹2,08,652 करोड़ के केन्‍द्रीय परिव्यय के साथ सहायता स्वीकृत कीजिसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा चुका है।

    इस मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की थी। उस समयकेवल 3.23 करोड़ परिवारों (16.71 प्रतिशत) को ही नल का जल उपलब्ध था। तब से12.48 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को इससे जोड़ा जा चुका हैजो ग्रामीण भारत में बुनियादी ढाँचे के सबसे तेज़ विस्तार में से एक है।

    जल जीवन मिशन ने माताओं और बहनों को अपने घरों के लिए पानी लाने की सदियों पुरानी मशक्कत से मुक्ति दिलाने का भी प्रयास किया है। इसका उद्देश्य उनके स्वास्थ्यशिक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लानाजीवन को आसान बनाना और ग्रामीण परिवारों का जीवन आसान बनाना तथा गौरव और सम्मान बढ़ाना है।

    मिशन स्थिरता और सामुदायिक भागीदारी पर समान रूप से ज़ोर देता है। इसमें गंदे पानी का प्रबंधनजल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के माध्यम से जल स्रोतों का पुनर्भरण और पुन: उपयोग जैसे स्‍थायी उपाय शामिल हैं। इसे समुदाय-आधारित दृष्टिकोण से क्रियान्वित किया जाता हैजिसमें जागरूकता और स्वामित्व पैदा करने के लिए सूचनाशिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियाँ प्रमुख घटक हैं। मिशन का उद्देश्य जल के लिए एक जन आंदोलन बनाना हैजिससे यह एक साझा राष्ट्रीय प्राथमिकता बन सके।

    जल जीवन मिशन के व्यापक उद्देश्यों में शामिल हैं:

    जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रगति (22 अक्‍तूबर, 2025)

    जल जीवन मिशन भारत के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है।

    • जिला-स्तरीय प्रगति: 192 जिलों के सभी घरोंस्कूलों और आंगनवाड़ी केन्‍द्रों तक नल का पानी पहुँच चुका हैजिनमें से 116 जिलों को सत्यापन के बाद ग्राम सभा प्रस्तावों के माध्यम से आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जा चुका है।
    • ब्‍लॉकपंचायत, और गांव की कवरेज:
      • ब्लॉक: 1,912 ने पूर्ण कवरेज की सूचना दी हैजिनमें से 1,019 प्रमाणित हैं।
      • ग्राम पंचायत: 1,25,185 ने सूचना दी हैऔर 88,875 ने प्रमाणन प्राप्त कर लिया है।
      • गाँव: 2,66,273 ने सूचना दी हैजिनमें से 1,74,348 हर घर जल पहल के अंतर्गत प्रमाणित हैं।
    • 100 प्रतिशत कवरेज वाले राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश: ग्यारह राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशोंगोवाअंडमान और निकोबार द्वीप समूहदादरा और नगर हवेली और दमन और दीवहरियाणातेलंगानापुडुचेरीगुजरातहिमाचल प्रदेशपंजाबमिजोरम और अरुणाचल प्रदेश ने सभी ग्रामीण घरों के लिए पूर्ण नल जल कनेक्टिविटी हासिल कर ली है।
    • संस्थागत कवरेज: देश भर में 9,23,297 स्कूलों और 9,66,876 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

    'रिपोर्ट' का अर्थ है कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के जल आपूर्ति विभाग ने पुष्टि की है कि उस प्रशासनिक इकाई के सभी घरोंस्कूलों और आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है।

    'प्रमाणित' का अर्थ है कि ग्राम सभा ने जल आपूर्ति विभाग के इस दावे की पुष्टि करने के बाद प्रस्ताव पारित किया है कि गाँव के सभी घरोंस्कूलों और आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नल का पानी मिल रहा है। यह प्रस्ताव जल आपूर्ति विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को यह प्रमाण पत्र प्रदान करने के बाद पारित किया जाता है कि सभी घरों में नल का पानी उपलब्ध है।(

    गुणवत्ता आश्वासन और निगरानी

    जल जीवन मिशन के अंतर्गतग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता आश्वासन और निगरानी हेतु एक मजबूत प्रणाली लागू की गई है। 2025-26 (21 अक्टूबर 2025 तक) के दौरानकुल 2,843 प्रयोगशालाओं (2,184 संस्थागत और 659 जल उपचार संयंत्र-आधारित) ने देश के 4,49,961 गाँवों में 38.78 लाख जल नमूनों का परीक्षण किया।

    सामुदायिक स्तर की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए5.07 लाख गाँवों में 24.80 लाख महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रशिक्षित किया गया है। यह समुदाय-संचालित दृष्टिकोण जल प्रदूषण का शीघ्र पता लगाना सुनिश्चित करता है और ग्रामीण जल गुणवत्ता निगरानी के स्थानीय स्वामित्व को सुदृढ़ करता है।

    जल जीवन मिशन (जेजेएम) के प्रमुख घटक

    जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित घटकों की परिकल्पना की गई है:

    • गाँव में पाइप से जलापूर्ति का बुनियादी ढाँचा - प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी का कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए गाँवों के भीतर पाइप से पानी की व्‍यवस्‍था करना।
    • स्‍थायी पेयजल स्रोत- लंबे समय जल आपूर्ति प्रणाली प्रदान करने के लिए विश्वसनीय पेयजल स्रोतों का और/या मौजूदा स्रोतों का संवर्धन।
    • बड़ी मात्रा में पानी का हस्तांतरण और वितरण - थोक जल हस्‍तांतरण प्रणालियोंउपचार संयंत्रों और वितरण नेटवर्क की स्थापना।
    • जल गुणवत्ता के लिए तकनीकी हस्तक्षेप - जहाँ जल गुणवत्ता एक समस्या हैवहाँ दूषित पदार्थों को हटाने के लिए तकनीकों को लागू करना।