SEARCH

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    कानून मंत्री के आवास पर पहुँचे FSO चयनित अभ्यर्थी न्यायालय में मज़बूत पैरवी की माँग, बेरोजगार यूनियन ने उठाई नियुक्ति की आवाज़

    1 day ago

    जयपुर।
    राजस्थान बेरोजगार यूनियन के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) भर्ती 2019 और 2022 के चयनित अभ्यर्थियों ने कानून मंत्री जोगाराम पटेल के सरकारी आवास पर पहुँचकर नियुक्ति से जुड़ी समस्याओं को लेकर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से 15 अक्टूबर को होने वाली न्यायालयीय सुनवाई में महाधिवक्ता (AG) के माध्यम से प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने की माँग की है।
    न्यायिक अड़चनों के कारण अटकी हुई है नियुक्ति प्रक्रिया
    यूनियन अध्यक्ष हनुमान किसान ने बताया कि राज्य सरकार लगातार युवाओं के हित में निर्णय ले रही है, लेकिन FSO भर्ती की प्रक्रिया न्यायालय में लंबित होने के कारण चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं मिल सकी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से AG के माध्यम से पैरवी की जा रही है, लेकिन अब ज़रूरत है कि न्यायालय में और अधिक मज़बूती से अभ्यर्थियों का पक्ष रखा जाए।
    प्रतिनियुक्ति पर तैनात FSO को मूल विभाग में भेजने की माँग
    चयनित अभ्यर्थियों ने सरकार से यह भी माँग की कि जो अधिकारी फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर FSO के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें मूल विभाग में वापस भेजा जाए ताकि नियमित चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति संभव हो सके। यूनियन का कहना है कि जब चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए तैयार हैं तो पदों को प्रतिनियुक्ति से भरना अनुचित है।
    यूनियन पदाधिकारियों ने रखा अभ्यर्थियों का पक्ष
    इस वार्ता के दौरान यूनियन के पदाधिकारी रविंद्र चौधरी, जयराम कसाना और रामदेव चोटिया भी उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर यह माँग रखी कि सरकार शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाए और चयनित युवाओं को न्याय दिलाए।
    FSO भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों में गहरी चिंता
    लंबे समय से नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे अभ्यर्थी मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से परेशान हैं। चयन के बाद भी नियुक्ति न होना बेरोजगारी की स्थिति को और जटिल बना रहा है। यूनियन ने स्पष्ट किया कि यदि माँगें पूरी नहीं होतीं, तो आंदोलनात्मक कदम भी उठाए जा सकते हैं।

    Click here to Read more
    Prev Article
    राजस्थान में शिक्षा संकट गहराया: 69 हजार पद रिक्त, डीपीसी प्रक्रियाएं अटकी, तीन चयन वर्ष से व्याख्याता पद की डीपीसी लंबित, पांच वर्ष से वरिष्ठ अध्यापक पद की पदोन्नति रुकी, वाइस प्रिंसिपल नियुक्ति से खाली हुए 11 हजार व्याख्याता पद, शिक्षा व्यवस्था पर गहराय
    Next Article
    713 पदों पर अटका VDO भर्ती परिणाम, कानून मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल न्यायिक बाधा हटाकर जल्द परिणाम जारी करने की उठी माँग, बेरोज़गार यूनियन ने दिया संघर्ष जारी रखने का संकेत

    Related जॉब और कॅरियर Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment