जयपुर।
राजस्थान सरकार ने आगामी प्रवासी राजस्थानी दिवस को इस बार विशेष थीम — “राजस्थान की ऐतिहासिक और वैभवशाली धरोहर” — पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह आयोजन राज्य की संस्कृति, परंपरा और विकास यात्रा का जीवंत प्रदर्शन बने।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले प्रवासी राजस्थानियों को न केवल अपने प्रदेश की गौरवशाली विरासत का अनुभव कराया जाए, बल्कि बीते वर्षों में राजस्थान द्वारा हासिल की गई विकास उपलब्धियों से भी अवगत कराया जाए।
विकास और विरासत का संगम बने आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 दिसंबर को जयपुर में होने वाला यह आयोजन प्रवासी राजस्थानियों के लिए अपने राज्य से जुड़ाव का प्रतीक बने। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतें, धरोहर स्थल, पर्यटन केंद्र और सांस्कृतिक प्रतीक इस आयोजन की थीम में समाहित किए जाएं, ताकि आगंतुकों को राज्य की जीवंत आत्मा का अनुभव हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी राजस्थानियों को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से जुड़े सफल एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग और निवेश परियोजनाओं की प्रगति से परिचित कराया जाए, जिससे वे राज्य की आर्थिक प्रगति के साझीदार बन सकें।
प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ेगी विकास यात्रा
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन के देश-विदेश स्थित सभी चैप्टर्स को इस आयोजन से सक्रिय रूप से जोड़ा जाए, ताकि अधिक से अधिक प्रवासी राजस्थानी इसमें भागीदारी कर सकें।
बैठक में उन्होंने फाउंडेशन के चैप्टर प्रतिनिधियों की भागीदारी, सेक्टोरल सत्रों की थीम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के स्वरूप पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयोजन में ऐसे कार्यक्रम शामिल किए जाएं जो राजस्थान की लोककला, शिल्प, संगीत और स्थापत्य कला की समृद्ध परंपरा को जीवंत करें।
प्रशासनिक समन्वय पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तैयारियां समयबद्ध और समन्वित ढंग से पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के बीच तालमेल से आयोजन को भव्यता और गरिमा प्रदान की जा सकती है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पर्यटन, संस्कृति और राजस्थान फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाला प्रवासी राजस्थानी दिवस केवल एक समारोह नहीं, बल्कि राजस्थान की विकास यात्रा और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव होगा — ऐसा मंच जहां परंपरा और प्रगति साथ-साथ कदम मिलाते नज़र आएंगे।
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