जयपुर। राजधानी जयपुर में पुरस्कृत शिक्षक फोरम राजस्थान द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन रविवार को किया गया। "स्वदेशी निर्मित और राष्ट्रीय स्वाभिमान" विषयक इस आयोजन में प्रदेशभर से 120 से अधिक राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय सम्मानित शिक्षकों ने सहभागिता की।
सेंट माइकल स्कूल बना विचारों का केंद्र
जयपुर के सुभाष चौक स्थित सेंट माइकल स्कूल के सभागार में आयोजित इस सेमिनार का उद्घाटन लोकसभा सांसद मंजू शर्मा ने किया। उन्होंने शिक्षकों को स्वदेशी वस्तुओं के अधिकतम उपयोग का संकल्प दिलाया और कहा कि,
"शिक्षक न केवल समाज को दिशा देते हैं, बल्कि उनकी जीवनशैली से भी नई पीढ़ी प्रेरणा लेती है। स्वदेशी अपनाकर हम आत्मनिर्भर भारत की ओर ठोस कदम बढ़ा सकते हैं।"
शिक्षा नीति और सम्मान पर भी हुई चर्चा
सेमिनार के दूसरे सत्र में पुरस्कृत शिक्षकों को प्राप्त विशेषाधिकारों, प्राथमिकताओं और हाल के वर्षों में आए संकटों पर भी गहन विमर्श हुआ। शिक्षकों ने साझा किया कि उनके योगदान के अनुपात में नीति स्तर पर अपेक्षित मान-सम्मान और सुविधाएं घटती जा रही हैं, जिस पर नीति-निर्माताओं को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मंच पर रहे कई शिक्षा विशेषज्ञ
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग सचिवालय के विशेषाधिकारी एवं सलाहकार बी.के. गुप्ता, सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षाविद राजेंद्र हंस, तथा सु.कृ. महाविद्यालय जोधपुर के निदेशक एवं प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह कुम्पावत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सेमिनार की अध्यक्षता फोरम अध्यक्ष निर्मल ग्रोवर ने की। कार्यक्रम की शुरुआत में सेंट माइकल स्कूल की प्रिंसिपल एन.डी. सिल्वा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
फोरम के महासचिव रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह मंच न केवल शिक्षकों की आवाज़ को बुलंद करता है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में नीतिगत सुधार की दिशा भी तय करता है। कार्यक्रम के अंत में जयपुर जिला इकाई अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं फोरम के उपाध्यक्ष सुदर्शन कुल्हार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन सीमा बंसल ने प्रभावशाली ढंग से किया।
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