जयपुर। राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बड़ा ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के इनक्यूबेशन सेंटर (जेआईसी) ने भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मेइटी) के स्टार्टअप हब के सहयोग से राज्य में सबसे बड़ी फंडिंग पहल की घोषणा की है। इस सहयोग के तहत राजस्थान के 12 होनहार स्टार्टअप्स को कुल ₹1.8 करोड़ की फंडिंग प्रदान की जाएगी।
राजस्थान के टियर-2 और टियर-3 शहरों में एंटरप्रिन्योरशिप को नया आयाम
इस पहल का मुख्य उद्देश्य राजस्थान के छोटे और मझोले शहरों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। जेआईसी ने पहली बार 'जेनेसिस' और 'टाइड' जैसी प्रतिष्ठित सरकारी योजनाओं को राज्य स्तरीय तकनीकी विश्वविद्यालय में लॉन्च किया, जो उभरते एंटरप्रिन्योर्स को शार्क टैंक जैसी प्रतियोगी क्षमता वाले मंच प्रदान करता है।
मल्टी लेवल फंडिंग से स्टार्टअप्स को मिलेगा विकास का पूरा सहयोग
इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्टार्टअप्स को उनके विकास के विभिन्न चरणों के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी:
• टाइड 2.0 के तहत 4 स्टार्टअप्स को ₹7 लाख का ग्रांट मिलेगा।
• 'जेनेसिस' कार्यक्रम के माध्यम से शुरुआती आइडिया (ईआईआर) के लिए ₹10 लाख तक, एमवीपी चरण (पायलट) के लिए ₹40 लाख तक और स्केल-अप (इन्वेस्टमेंट) के लिए ₹50 लाख तक फंडिंग प्रदान की जाएगी।
लाभार्थियों में इंडिविजुअल इनोवेटर्स और डीपीआईआईटी रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स शामिल हैं, जिनमें कम से कम 51% भारतीय ओनरशिप हो।
जेआईसी का पिछले पांच वर्षों में योगदान
पिछले पांच सालों में जेआईसी ने 80 से अधिक स्टार्टअप्स को 8 करोड़ से अधिक की फंडिंग प्रदान की है। इसमें को–वर्किंग स्पेस, निवेशक कनेक्ट, पायलट कनेक्ट और इंडस्ट्री कनेक्ट जैसी फैसिलिटीज भी शामिल हैं। यह पहल केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों के एंटरप्रिन्योरियल इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर राजस्थान के स्टार्टअप्स को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी सहायक है।
भविष्य की दिशा और अवसर
जेआईसी का यह कदम राजस्थान के स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर और विकास के रास्ते खोल रहा है। इससे न केवल युवा उद्यमियों को अपनी तकनीकी और व्यावसायिक प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य के टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी इननोवेशन और रोजगार की नई लहर आने की संभावना है।
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