जयपुर, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और शिक्षा विभाग के तत्वाधान में यूनिसेफ के सहयोग से जयपुर में एकदिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका केंद्रबिंदु था स्कूल शिक्षा में साक्ष्य आधारित योजना निर्माण। यह कार्यशाला शिक्षा नीति और योजना निर्माण में डेटा के महत्व को समझने और लागू करने के लिए आयोजित की गई।
कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ विकसित करना और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रिया को मजबूत बनाना रहा। इसके तहत शिक्षा में प्रमुख चुनौतियों की पहचान, लक्षित समूहों का विश्लेषण और समाधान के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
साक्ष्य आधारित आंकड़ों से प्रभावी योजना निर्माण
कार्यशाला में प्रतिभागियों को डेटा और सूचकांकों के मूल्यांकन पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया। इसके जरिए यह समझाया गया कि कैसे जिला और राज्य स्तर पर शिक्षा योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
यूनिसफ दिल्ली से आए शिक्षाविद डॉ. गणेश कुमार निगम ने कहा कि राजस्थान शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों की जन्मभूमि रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में डेटा विज़ुअलाइजेशन और नवाचारी दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उनका कहना था कि साक्ष्य आधारित डेटा से योजनाओं की समीक्षा करने पर परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं और कोई बच्चा पीछे नहीं छूटता।
डॉ. निगम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सटीक डेटा संग्रहण, विज़ुअलाइजेशन और शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावी शिक्षा नीति निर्माण के महत्वपूर्ण उपकरण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल निर्णय क्षमता बढ़ाती है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान करती है, जिससे 0.37 प्रतिशत तक GDP में वृद्धि संभव है।
कार्यशाला के प्रमुख शैक्षिक उद्देश्य
• लक्षित और वंचित भौगोलिक क्षेत्रों तथा समूहों की सटीक पहचान
• शिक्षा में कमियों की पहचान और प्रगति की निगरानी के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (PGI) के उपयोग को बढ़ावा देना
• PGI स्कैनर के माध्यम से प्रगति ट्रैकिंग और समीक्षा प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना
शिक्षा क्षेत्र की व्यापक भागीदारी
कार्यक्रम में समग्र शिक्षा अभियान, आरएससीईआरटी, स्टेट ओपन स्कूल, एसआईईएमएटी और यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारी, सीडीईओ और एडीपीडी सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। उन्होंने शिक्षा सुधार और डेटा आधारित योजना निर्माण पर अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।
कार्यशाला ने यह स्पष्ट किया कि साक्ष्य आधारित योजना निर्माण न केवल शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि सभी बच्चों तक समान अवसर पहुँचाने में भी मदद करता है। इस पहल से राजस्थान शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और योजनाओं की प्रभावशीलता को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
Click here to
Read more