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    आचार्य लोकेशजी ने जम्मू में कहा – परोपकार ही धर्म का सर्वोच्च रूप, उपराज्यपाल बोले – आचार्य लोकेशजी एक प्रगतिशील समाज सुधारक

    19 hours ago

    जम्मू/नई दिल्ली।
    अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेशजी ने जम्मू में शाश्वत हिंदू प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित “अरविंदो सम्मान समारोह 2025” को संबोधित किया। समारोह में देशभर से आई 13 विशिष्ट प्रतिभाओं को अरविंदो सम्मान और संगठन के समर्पित कार्यकर्ताओं को शाश्वत पवन सम्मान से अलंकृत किया गया।

    समारोह को संबोधित करते हुए आचार्य लोकेशजी ने कहा कि यदि धर्म की सर्वोत्तम परिभाषा किसी एक पंक्ति में कही जा सकती है, तो वह गोस्वामी तुलसीदास की यह अमर पंक्ति है — “परहित सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।” उन्होंने सम्मानित विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि समाज और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले ही सच्चे धर्माचारी हैं।

    इस अवसर पर जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव जैन, शाश्वत हिंदू प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष योगी अनूप नाथ, जम्मू प्रांत अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह चांडक, महिला प्रमुख व पूर्व मेयर पूर्णिमा शर्मा, संजय शर्मा, सतपाल सिंह राठौर, चतर सिंह, प्रशांत कोतवाल, सरोज कुमार महापात्रा, वीरेंद्र सिंह, रवि कटारिया, सुनील कुमार गुप्ता और के.डी. पाठक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

    समारोह के उपरांत आचार्य लोकेशजी ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उपराज्यपाल से भेंट की और कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में शीघ्र ही अहिंसा विश्व भारती की शाखा प्रारंभ की जाएगी, जो सर्वधर्म सद्भाव और विश्व शांति के लिए कार्य करेगी।

    उपराज्यपाल ने आचार्य लोकेशजी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे एक संत के साथ-साथ प्रगतिशील समाज सुधारक भी हैं, जिन्होंने शांति, एकता और मानवता के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

     

    भेंट के दौरान आचार्य लोकेशजी के साथ संजय शर्मा, संदीप जैन और पंकज जैन उपस्थित थे।

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