बूंदी। त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों की साजिश एक बार फिर बेनकाब हुई है। जिले के हिंडौली टोल नाके पर रविवार तड़के खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 3000 किलो बिना दस्तावेज का मावा जब्त किया। मावा एक मध्यप्रदेश नंबर की प्राइवेट बस की डिग्गी में रखा हुआ था, जिसे दिल्ली से कोटा पहुंचाया जा रहा था।
अधिकारियों ने जब दस्तावेज मांगे तो ड्राइवर ने एक सफेद कागज थमा दिया, जिस पर कुछ कोड तो थे, लेकिन न कंपनी का नाम था और न ही भेजने या मंगवाने वाले का पता। पूरे मामले को देख अधिकारी भी चौंक गए।
डिग्गी में भरा था 58 कट्टों में मावा, कोई जिम्मेदार नहीं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओपी सामर के नेतृत्व में चल रही जांच टीम ने सुबह करीब 5:30 बजे MP70ZB 4201 नंबर की बस को रोका। बस की डिग्गी की तलाशी लेने पर 58 कट्टों में करीब तीन हजार किलो मावा पाया गया।
पूछताछ में बस ड्राइवर ने कहा कि उसे माल दिल्ली से मिला था और कोटा पहुंचाना था, लेकिन यह नहीं पता कि भेजने वाला कौन है। जब उससे बिल-बिल्टी मांगी गई तो वह कोई ठोस जवाब नहीं दे पाया। मावा के पैकेट्स पर 'संदीप', 'श्रीराम नमकीन', 'एनके' जैसे नाम लिखे थे, लेकिन इनमें से किसी भी ब्रांड के दस्तावेज मौजूद नहीं थे।
सील कर कोल्ड स्टोरेज में रखा गया मावा, जांच जारी
ओपी सामर ने बताया कि संदेहास्पद माल को तुरंत सील कर दिया गया है और जांच पूरी होने तक इसे कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखा गया है। खाद्य सुरक्षा टीम अब इस मावे की असल सप्लाई चेन और मालिक का पता लगा रही है।
ट्रैवल्स संचालक को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि बिना दस्तावेज वाले माल की ढुलाई दोबारा हुई तो बस को जब्त कर लिया जाएगा।
अभियान जारी, हर गाड़ी की हो रही है जांच
'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' अभियान के तहत जिले में 4 अक्टूबर से विशेष जांच चल रही है। त्योहारों को देखते हुए खाद्य विभाग की टीमें लगातार डेयरियों, मिठाई की दुकानों, मंडियों, ट्रकों और बसों की तलाशी ले रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
त्योहारी सीजन में नकली मिठाइयों का जाल
हर साल दिवाली और अन्य त्योहारों से पहले मिलावटी दूध, मावा और मिठाइयों की सप्लाई तेज हो जाती है। बिना बिल-बिल्टी और संदिग्ध स्रोत से आने वाला खाद्य पदार्थ न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी बड़ा खतरा है।
बूंदी में पकड़े गए इस 3000 किलो मावा के पीछे किसका नेटवर्क है, यह जांच का विषय है। लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में अवैध मावे की ढुलाई इस बात का संकेत है कि मिलावटखोर अब भी सक्रिय हैं और कड़ी निगरानी की जरूरत है।
निष्कर्ष:
खाद्य विभाग की यह कार्रवाई त्योहार से पहले सतर्कता का अच्छा उदाहरण है, लेकिन यह भी साफ है कि अभी बहुत से मामले परदे के पीछे हैं। सवाल यह है कि जब खुलेआम बिना किसी बिल के हजारों किलो मावा बस में लादा जा रहा है, तो क्या बाकी सप्लाई चैन पर भी नजर रखी जा रही है? त्योहारों में स्वाद के साथ सेहत न बिगड़े, इसके लिए निगरानी और सख्ती दोनों जरूरी हैं।
Click here to
Read more