इंदिरा गांधी नगर विद्यालय में नहीं दिखी जगमगाहट, मंत्री ने जताई नाराजगी
अन्य विद्यालयों में दीपों की रोशनी से दमका परिसर, मंत्री बोले— "विद्यालय केवल पढ़ाई का नहीं, संस्कारों का भी केंद्र है"
कोटा। दिवाली की रात जब पूरा शहर दीपों की रोशनी में नहा रहा था, शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया। सरकारी आदेशों के अनुसार विद्यालयों में भी प्रकाश उत्सव मनाने के निर्देश दिए गए थे। मंत्री ने रात्रि 10:30 बजे रंगबाड़ी योजना स्थित अपने निवास से निरीक्षण यात्रा की शुरुआत की।
सबसे पहले वे छावनी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे, जहां दीपों और झालरों की चमक से विद्यालय परिसर आलोकित था। सफाई व्यवस्था भी उत्कृष्ट रही, जिससे विद्यालय त्योहार की सजावट में निखर उठा था।
इसके बाद शिक्षा मंत्री नया नोहर पहुंचे। यहां विद्यालय में आकर्षक दीप सजावट और दीपदान के दृश्य ने वातावरण को दिव्य बना दिया। विद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर कक्षाओं तक दीपों की पंक्तियां जगमगा रही थीं।
मंत्री का अगला पड़ाव रहा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देवली अरब, जहां दीपमालाओं से विद्यालय का हर कोना चमक रहा था। छोटे-छोटे दीपों की कतारों से सजा विद्यालय प्रवेश द्वार विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
हालांकि निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री का सामना एक निराशाजनक दृश्य से भी हुआ। जब वे डीसीएम क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इंदिरा गांधी नगर पहुंचे, तो वहां न तो कोई दीपक जला था, न ही प्रकाश की कोई व्यवस्था की गई थी। परिसर अंधकारमय था। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और साथ चल रही मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, कोटा शहर से जवाब तलब किया कि विद्यालय में आदेशों की पालना क्यों नहीं हुई।
इसके बाद दिलावर ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय विज्ञान नगर, महावीर नगर तृतीय, और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महावीर नगर थर्ड का भी निरीक्षण किया। इन सभी विद्यालयों में दीपावली की उजास और साज-सज्जा ने सकारात्मक छाप छोड़ी।
निरीक्षण के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालय केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि संस्कार और उत्सव भावना का भी केंद्र हैं। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में सामाजिक जुड़ाव, स्वच्छता और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना प्रबल होती है।
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