SEARCH

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    पुलिस स्मृति दिवस: रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की; राष्ट्र की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी

    13 hours ago

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। वर्ष 1959 में आज ही के दिन लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में भारी हथियारों से लैस चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 10 वीर पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में शहीद नायकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र के प्रति उनके अदम्य साहस व सेवा के लिए पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल और पुलिस बल दोनों ही राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं, जहां सशस्त्र बल देश की सीमाओं तथा भौगोलिक अखंडता की रक्षा करते हैं, वहीं पुलिस बल समाज एवं सामाजिक अखंडता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सेना और पुलिस भले ही अलग-अलग मंचों पर कार्यरत हों, लेकिन उनका मिशन एक ही है — राष्ट्र की रक्षा करना। सिंह ने कहा, “जब हम 2047 तक विकसित भारत की दिशा में अग्रसर हैं, तब राष्ट्र की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।”

     राजनाथ सिंह ने वर्तमान चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां एक ओर सीमाओं पर अस्थिरता बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ समाज के भीतर अपराध, आतंकवाद एवं वैचारिक युद्ध के नए स्वरूप उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध अब पहले से कहीं अधिक संगठित, अदृश्य व जटिल हो गए हैं, जिनका उद्देश्य समाज में अराजकता फैलाना, आपसी विश्वास को कमजोर करना और राष्ट्र की स्थिरता को चुनौती देना है।

    https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002APTB.jpg

    रक्षा मंत्री ने अपराध नियंत्रण की अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ समाज में विश्वास बनाए रखने के नैतिक दायित्व का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के लिए पुलिस बल की सराहना की। उन्होंने कहा, “यदि आज नागरिक चैन की नींद सो पा रहे हैं, तो इसका श्रेय हमारे सतर्क सशस्त्र बलों और सतर्क पुलिस कर्मियों पर उनके अटूट विश्वास को जाता है। यही भरोसा हमारे देश की स्थिरता और सुरक्षा की सबसे मजबूत नींव है।”

    लंबे समय तक देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बने नक्सलवाद का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के संगठित एवं ठोस प्रयासों ने इस समस्या को विस्तार से रोकने में निर्णायक भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने अब राहत की सांस ली है, क्योंकि अशांति की जगह विश्वास तथा विकास का वातावरण स्थापित हो रहा है। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष मार्च तक नक्सलवाद की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कई शीर्ष नक्सलियों का सफाया किया गया है और जो लोग पहले देश के खिलाफ हथियार उठाते थे, वे अब आत्मसमर्पण कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है, जो क्षेत्र कभी नक्सलवाद के गढ़ माने जाते थे, वे अब शिक्षा और प्रगति के केंद्र बन रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो इलाके कभी लाल गलियारे के रूप में जाने जाते थे, वे अब विकास गलियारों में परिवर्तित हो गए हैं। इस परिवर्तन में पुलिस और सुरक्षा बलों का योगदान अत्यंत सराहनीय एवं निर्णायक रहा है।”

    https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003K1LG.jpg

    रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और इस दिशा में पुलिस बलों की निरंतर भूमिका व योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक एक राष्ट्र के रूप में हम पुलिस के योगदान को पूरी तरह से मान्यता नहीं देते थे, किंतु प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना करके इस ऐतिहासिक कमी को पूरा किया गया। सिंह ने बताया कि सरकार ने पुलिस बलों को अत्याधुनिक हथियारों, उपकरणों और सुविधाओं से सुसज्जित किया है। उन्होंने कहा कि अब पुलिस के पास उन्नत निगरानी प्रणालियां, ड्रोन, आधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशालाएं और डिजिटल पुलिसिंग जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं उपलब्ध हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, “पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन संसाधनों का इष्टतम उपयोग तभी संभव है, जब सभी सुरक्षा एजेंसियां बेहतर समन्वय और एकीकरण के साथ कार्य करें।

    रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि समाज व पुलिस एक-दूसरे के पूरक और परस्पर निर्भर अंग हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा तंत्र को और अधिक मजबूत, प्रभावी एवं सतर्क बनाने के लिए दोनों के बीच संतुलित तथा विश्वासपूर्ण संबंध बनाए रखना अत्यावश्यक है। सिंह ने कहा, “पुलिस व्यवस्था तभी प्रभावी रूप से कार्य कर सकती है, जब नागरिक सक्रिय भागीदारी के साथ कानून का सम्मान करें और उसका पालन करें। उन्होंने कहा कि जब समाज और पुलिस के बीच का संबंध आपसी समझ, सहयोग एवं जिम्मेदारी की भावना पर आधारित होता है, तब दोनों ही सशक्त व समृद्ध बनते हैं।”

    https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00405T2.jpg

    इस कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस की एक प्रभावशाली संयुक्त परेड आयोजित की गई। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी सहित सीएपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त महानिदेशकगण तथा पुलिस के कई अधिकारी उपस्थित रहे।

    Click here to Read more
    Prev Article
    प्रधानमंत्री ने साने ताकाइची को जापान की प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी
    Next Article
    जरात और हरियाणा में ग्रामीण स्थानीय निकायों को मज़बूत बनाने के लिए केंद्र ने पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में ₹730 करोड़ से अधिक जारी किए

    Related देश Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment