सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने 17 अक्टूबर 2025 को 10वां आयुर्वेद दिवस मनाया। आयुर्वेद को स्वास्थ्य और कल्याण के समग्र दृष्टिकोण के रूप में बढ़ावा देने की दिशा में यह ऐसा महत्वपूर्ण कदम है जो स्थायित्व और प्राकृतिक जीवन शैली पर आधारित है। इस अवसर पर लोगों में वैज्ञानिक रूप से मान्य पारंपरिक ज्ञान का संचार करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पहल #SVASTIK (वैज्ञानिक रूप से मान्य सामाजिक पारंपरिक ज्ञान) के अंतर्गत एक एनआईएससीपीआर स्वस्तिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर कर्मचारियों के लिए एक निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किया गया।
नई दिल्ली स्थित सीसीआरएएस-केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के डॉ. किशोर पटेल ने आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों पर गहन एनआईएससीपीआर स्वस्तिक व्याख्यान दिया। उन्होंने जीवनशैली और तनाव से जुड़ी बीमारियों के कारणों पर चर्चा की और समग्र स्वास्थ्य के लिए आचार रसायन और सद्वृत्त की अवधारणाओं के माध्यम से संतुलित पोषण, संयमित आहार और नैतिक जीवन जीने के महत्व पर बल दिया।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने उल्लेखनीय रूप से विश्व में आयुर्वेद के विस्तार के बारे में बताया कि एक दशक से भी कम समय में आयुर्वेद दिवस एक राष्ट्रीय उत्सव से एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन में बदल गया है। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सकों और शोधकर्ताओं द्वारा गलत सूचनाओं का विरोध करने और मिलावट रोकने, मानकीकृत योगों, साक्ष्य-आधारित एकीकरण, तर्कसंगत विपणन और जन जागरूकता की वकालत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पारंपरिक ज्ञान को जनता के बीच प्रसारित करने वाली #SVASTIK पहल की भी सराहना की।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के प्रशासन नियंत्रक, राजेश कुमार सिंह रोशन ने आयुर्वेद की ऐतिहासिक जड़ों और आचार्य नागार्जुन जैसे प्राचीन चिकित्सकों के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा की व्यापक प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की बढ़ती वैश्विक मान्यता के बारे में भी बताया।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे ने इस वर्ष के विषय, "लोगों और पृथ्वी के लिए आयुर्वेद" की सराहना की। यह वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय सद्भाव के लिए आयुर्वेद की क्षमता का लाभ उठाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में 10 वें आयुर्वेद दिवस समारोह के लिए नोडल अधिकारी और प्रधान वैज्ञानिक एवं समन्वयक स्वस्तिक डॉ. चारु लता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा समारोह को सफल बनाने के लिए सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के निदेशक और सभी प्रतिष्ठित वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य मूल्यांकन शिविर में एनआईएससीपीआर के कर्मचारियों और छात्रों ने ओपीडी परामर्श का लाभ उठाया। इस तरह की पहल का उद्देश्य पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जानकारी बढ़ाना, सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार करना और आयुर्वेदिक क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देना है।