शहरी क्षेत्रों के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक गांधी जयंती पर समाप्त हुआ। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 17 सितंबर 2025 को स्वच्छता शपथ के साथ इस अभियान की शुरुआत की। इससे कार्यालयों और समुदायों में स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
इस वर्ष के अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों को आदर्श स्वच्छ क्षेत्रों में बदलना और अधिक लोगों की आवाजाही वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता बनाए रखना था। निरोधक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए सफाई मित्रों के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। व्यक्तिगत स्वच्छता और सतत स्वच्छता प्रथाओं को रेखांकिंत करने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और उसके कार्यालयों में जागरूकता गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं।
अभियान के दौरान 52 स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों का कायाकल्प किया गया और 104 सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई। इससे स्वच्छता मानकों में सुधार देखा गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सफाई मित्रों के लिए व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
इसका एक प्रमुख आकर्षण 25 सितंबर 2025 को आयोजित राष्ट्रव्यापी श्रमदान था। इसमें 2,500 से अधिक अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने सफाई अभियान, वृक्षारोपण और जागरूकता गतिविधियों में भाग लिया। उनकी सक्रिय भागीदारी ने पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छ भारत के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी के प्रति सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
इन प्रयासों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा 2025 अभियान ने सामुदायिक सेवा, पर्यावरण संरक्षण और निरोधक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत किया। इससे एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को बढ़ावा मिला।