20 दिनों में आए तीन बयान, चयन प्रक्रिया पर बनी सस्पेंस की स्थिति
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और टीम के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के बीच टीम चयन को लेकर जारी बयानबाजी ने सुर्खियां बटोरी हैं। पिछले 20 दिनों में दोनों के तीन अलग-अलग बयान सामने आए हैं, जिसने टीम सेलेक्शन प्रक्रिया और फिटनेस के सवालों को फिर से उजागर कर दिया है।
शमी का टीम इंडिया से बाहर रहना
मोहम्मद शमी लंबे समय से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। हाल ही में घोषित ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी उनका नाम नहीं शामिल किया गया। इस दौरे में भारतीय टीम 3 वनडे और 5 टी20 मैच खेलेगी। शमी ने टीम चयन को लेकर हाल ही में चयनकर्ताओं पर निशाना साधा था।
अजीत अगरकर का पहला बयान
25 सितंबर को जब वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हुआ, तब शमी को टीम में शामिल नहीं किया गया। इस पर अजीत अगरकर ने कहा कि शमी के बारे में फिलहाल कोई नई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शमी ने हाल में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला है और उन्हें अधिक मैच खेलने की जरूरत है।
“शमी की फिटनेस और मैच प्रैक्टिस के बारे में हमें कोई नई जानकारी नहीं मिली है। उन्हें अधिक मैच खेलने की आवश्यकता है।”
तीन बयान और सवालों की स्थिति
इसके बाद, पिछले 20 दिनों में शमी और अगरकर के बीच दो और बयान सामने आए, जिनमें टीम चयन, फिटनेस और खिलाड़ियों की तैयारी पर मतभेद स्पष्ट रूप से दिखे। इस स्थिति ने चयन प्रक्रिया को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह मतभेद टीम के मनोबल और आगामी सीरीज की रणनीति पर भी असर डाल सकता है।
विशेषज्ञों का नजरिया
पूर्व क्रिकेटर्स और विश्लेषकों का कहना है कि शमी जैसी प्रतिभाशाली गेंदबाज का टीम से बाहर रहना और चयनकर्ताओं के बीच मतभेद का सार्वजनिक होना टीम की छवि पर सवाल खड़े कर सकता है। साथ ही, इससे युवा खिलाड़ियों में भी चयन प्रक्रिया को लेकर चिंता की भावना बढ़ सकती है।
अगला कदम
अब सबकी नजरें अगले टीम मीटिंग और चयन समिति की बैठक पर टिकी हैं। सवाल यह है कि शमी की वापसी कब होगी और चयन समिति किस तरह से टीम की जरूरतों और खिलाड़ियों की फिटनेस को संतुलित करेगी।