गुरु-शिष्य परंपरा और सामाजिक भावनाओं से सराबोर रहा आयोजन
जयपुर। “अपने घर से पहले अपने विद्यालय में दीप जलाना सच्ची आस्था का प्रतीक है।” इसी भावना के साथ राजा रामदेव पोदार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम), गांधीनगर, जयपुर में दीपावली का पर्व उत्साह और आनंद के साथ मनाया गया। विद्यालय परिवार, विद्यार्थियों, अभिभावकों और पूर्व छात्रों ने मिलकर पहले अपनी कर्मभूमि—विद्यालय—को दीपों की रोशनी से सजाया, फिर संकल्प लिया कि वे अपने घरों को भी इसी सकारात्मक ऊर्जा से आलोकित करेंगे।
कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 4 बजे हुआ। विद्यार्थियों ने परिसर की सफाई कर प्रवेश द्वार और माँ सरस्वती के मंदिर को फूलों व रंगोलियों से सजाया। इसके बाद माँ शारदे की आरती और पूजन कर प्रसाद वितरित किया गया। वातावरण में दीपों की लौ और भक्ति संगीत की स्वर लहरियाँ घुल गईं।
शाम 5.30 बजे शिक्षार्थियों ने दीपों की कतार सजाकर उन्हें प्रज्ज्वलित किया। पूरे परिसर में उजास फैल गया। विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया और सभी ने एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं।
विद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता शशिभूषण शर्मा ने कहा कि “विद्यालय हमारी कर्मस्थली है, यहीं से जीवन में उजाला मिलता है, इसलिए पहले यहाँ दीपावली मनाना सबसे बड़ा सम्मान है।” उन्होंने इसे शिक्षा विभाग की प्रेरणादायी पहल बताया।
इस अवसर पर विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राएँ, अभिभावक तथा विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्य भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की रूपरेखा व संचालन प्रभारी मुमताज खान ने किया और सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “दीपावली का सच्चा अर्थ है—जहाँ से ज्ञान का प्रकाश फैलता है, वहीं पहले दीप जलाना।”
इस प्रकार राजा रामदेव पोदार विद्यालय की दीपावली ने न केवल परिसर को, बल्कि उपस्थित सभी के हृदयों को भी आलोकित कर दिया।
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