जयपुर।
राजस्थान के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 150 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली योजना के लिए पंजीयन पोर्टल का शुभारंभ किया गया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जयपुर के जेईसीसी में आयोजित समारोह में इस पोर्टल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उपस्थित रहे।
यह योजना राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत आमजन को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध करवाकर उन्हें ऊर्जादाता बनाने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री की पहल से साकार हुई योजना
राजस्थान सरकार द्वारा 2025-26 के बजट में घोषित इस योजना को पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के साथ जोड़ा गया है, ताकि उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ मिल सके। इसके तहत राज्य के पंजीकृत बिजली उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 150 यूनिट बिजली निशुल्क मिलेगी, बशर्ते वे अपने घर की छत पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाते हैं।
पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ता अपने “K नंबर” दर्ज कर पात्रता की स्थिति जान सकते हैं और ओटीपी के जरिए सहमति दर्ज करवा सकते हैं।
पहले ही दिन 6,864 उपभोक्ताओं ने जताई रुचि
पोर्टल लॉन्च के पहले दिन शाम 7:30 बजे तक कुल 6,864 उपभोक्ताओं ने योजना के अंतर्गत रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने की सहमति दर्ज करवाई।
- जयपुर डिस्कॉम: 3,570 उपभोक्ता
- अजमेर डिस्कॉम: 1,975 उपभोक्ता
- जोधपुर डिस्कॉम: 1,319 उपभोक्ता
यह उत्साह इस योजना के प्रति लोगों के विश्वास और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदम को दर्शाता है।
1.1 किलोवाट रूफटॉप सोलर पर मिलेगी पूर्ण वित्तीय सहायता
पहले चरण में 1.1 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप सोलर सिस्टम पर उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार द्वारा 33,000 रुपये की सहायता मिलेगी, जबकि राजस्थान डिस्कॉम्स द्वारा 17,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इस प्रकार, कुल 50,000 रुपये की सहायता से उपभोक्ता यह संयंत्र निशुल्क स्थापित कर सकेंगे।
3 किलोवाट तक की क्षमता वाले संयंत्र पर अधिकतम 78,000 रुपये की केन्द्रीय सहायता प्राप्त की जा सकेगी।
गैर-पंजीकृत उपभोक्ताओं के लिए भी खुला विकल्प
जो उपभोक्ता मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना में रजिस्टर्ड नहीं हैं, वे भी पीएम सूर्यघर पोर्टल के माध्यम से अधिकृत वेंडर्स का चयन कर रूफ टॉप सोलर लगवा सकते हैं। उन्हें नियमानुसार केवल केन्द्रीय सहायता ही मिलेगी।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2070 तक भारत को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन वाला राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, यह योजना एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे न केवल घरेलू उपभोक्ता अपनी ऊर्जा जरूरतें स्वयं पूरी कर सकेंगे, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली ग्रिड में देकर ऊर्जादाता की भूमिका भी निभा पाएंगे।
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