टोंक। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर टोंक स्थित सआदत जिला अस्पताल में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, उससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानकारी देना था।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आपदा एवं आपात स्थितियों में पहुँच पर रहा ज़ोर:
इस वर्ष की थीम "आपदा एवं आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच" को केंद्र में रखते हुए, आयोजन में विशेषज्ञों ने मानसिक बीमारियों की गंभीरता और उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला। राजकीय मेडिकल कॉलेज टोंक के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर, डॉ. लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में अभी भी कई भ्रांतियाँ हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर साल 10 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है ताकि लोग मानसिक बीमारियों और उनके उपचार के प्रति जागरूक हो सकें।
युवाओं में मानसिक दबाव और आत्महत्या की प्रवृत्ति चिंता का विषय: कार्यक्रम में वाइस प्रिंसिपल डॉ. निधि सिंह ने विद्यार्थियों के बीच बढ़ते तनाव, परीक्षा संबंधी दबाव, करियर को लेकर चिंता, अत्यधिक गुस्सा, ऑनलाइन गेम्स की लत और आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युवाओं को सही मार्गदर्शन और मानसिक सहयोग की आवश्यकता है, ताकि वे इन समस्याओं से समय रहते उबर सकें।
हर दस में से एक व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त: मनोरोग एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में लगभग 10 से 15 प्रतिशत लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिनमें 2 से 4 प्रतिशत लोग गंभीर मानसिक विकारों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारियाँ भी अन्य शारीरिक रोगों की तरह इलाज योग्य हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि मानसिक तनाव से बचने के लिए—
- 7–8 घंटे की पूरी नींद
- नियमित व्यायाम
- संतुलित आहार
- परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना
- सकारात्मक सोच
- अच्छा संगीत सुनना
- रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना—
जैसे उपाय बेहद प्रभावी हो सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्पलाइन और स्थानीय सुविधाएँ उपलब्ध: कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य सहायता हेतु राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 जारी किया गया है, जहाँ 24×7 परामर्श सेवा उपलब्ध है। साथ ही, टोंक के सआदत जिला अस्पताल में कमरा नंबर 3 पर मनोरोग एवं नशामुक्ति संबंधी परामर्श और इलाज की सुविधा दी जा रही है, जिससे आमजन को आसानी से स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ सहायता प्राप्त हो सके।
विशेषज्ञों और चिकित्सकों की उपस्थिति रही उल्लेखनीय : इस आयोजन में विभिन्न चिकित्सकों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. बी. एल. नामा, डॉ. निसर्ग, डॉ. रवि मिश्रा, डॉ. फाजिल, डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. संदीप राजोतिया, डॉ. वसीम अंसारी, डॉ. बबीता, डॉ. विमल कुमार, डॉ. वसीम अहमद, डॉ. हासीम, डॉ. सूमाईला, डॉ. अलीना सहित अनेक लोग उपस्थित थे।