जयपुर। कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय के बेसिक लाइफ सपोर्ट सेंटर द्वारा एम्स, सत्यम तथा राजस्थान सड़क सुरक्षा विभाग के सहयोग से बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम National CPR Awareness Week (13–17 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ। सत्र का उद्देश्य छात्राओं को आपात परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने हेतु प्रशिक्षित करना था।
आपात स्थिति में जीवन रक्षक तकनीकों पर प्रशिक्षण
प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व डॉ. दीपा चौहान और महिमा रामचंदानी ने किया। दोनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR), एयरवे मैनेजमेंट, और आपातकालीन प्रतिक्रिया तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने व्यावहारिक अभ्यास के माध्यम से दिखाया कि किसी व्यक्ति की सांस रुकने या दिल की धड़कन बंद होने पर किस प्रकार तुरंत सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है।
व्यावहारिक प्रदर्शन और सक्रिय सहभागिता
सत्र के दौरान छात्राओं को मैनिकिन्स पर सीपीआर के वास्तविक अभ्यास का अवसर दिया गया। प्रशिक्षकों ने यह भी बताया कि सड़क दुर्घटनाओं या किसी आकस्मिक स्वास्थ्य आपात स्थिति में समय पर दी गई प्राथमिक सहायता कितनी जीवनरक्षक साबित हो सकती है। इस प्रशिक्षण ने प्रतिभागियों में आत्मविश्वास और त्वरित निर्णय क्षमता विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी पहल
यह प्रशिक्षण न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक सार्थक कदम था, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं के दौरान “पहले उत्तरदाता” बनने की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। कार्यक्रम ने इस बात पर बल दिया कि समाज के प्रत्येक सदस्य को जीवनरक्षक कौशल सीखना चाहिए ताकि संकट के क्षणों में किसी की जान बचाई जा सके।
प्रमाणपत्र वितरण और निष्कर्ष
सत्र के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। प्रतिभागी छात्राओं ने इस अनुभव को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। महाविद्यालय प्रशासन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्राओं को न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध कराते हैं, बल्कि उन्हें संवेदनशील और सक्षम नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
इस प्रकार, बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण सत्र ने छात्राओं को “हर पल मदद के लिए तत्पर” रहने की भावना से ओतप्रोत किया और यह संदेश दिया कि समय पर दी गई सही सहायता किसी की ज़िंदगी बचा सकती है।
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