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    प्रभारी मंत्री मदन दिलावर ने किया जोधपुर क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला का निरीक्षण, डीएनए परीक्षण प्रक्रिया की ली विस्तृत जानकारी, वैज्ञानिकों को दिए समयबद्ध जांच के निर्देश

    12 hours ago

    जयपुर।
    शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री और जोधपुर जिले के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को जोधपुर स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (Regional Forensic Science Laboratory) का निरीक्षण किया। उन्होंने जैसलमेर बस दुर्घटना में मृतकों की पहचान के लिए जारी डीएनए परीक्षण कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को पारदर्शिता एवं तत्परता के साथ जांच पूरी करने के निर्देश दिए।
    डीएनए जांच प्रक्रिया का किया गहन अवलोकन
    निरीक्षण के दौरान दिलावर ने प्रयोगशाला के डीएनए अनुभाग का दौरा किया और वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों से बातचीत की। उन्होंने सैम्पल रिसीविंग से लेकर प्रोफाइल जेनरेशन तक की पूरी जांच प्रक्रिया — प्राथमिक स्क्रीनिंग, आइसोलेशन, एम्प्लीफिकेशन और डेटा विश्लेषण — की जानकारी प्राप्त की।
    मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी परीक्षण वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप और समयबद्ध रूप से पूरे किए जाएं, ताकि मृतकों की पहचान शीघ्र सुनिश्चित हो सके और उनके परिजनों को राहत मिल सके।
    प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत देने पर जोर
    दिलावर ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और राज्य सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि डीएनए रिपोर्ट तैयार होते ही जिला प्रशासन को सौंपी जाए, जिससे पहचान की प्रक्रिया में देरी न हो और परिजनों को शीघ्र सहयोग एवं राहत प्रदान की जा सके।
    उन्होंने कहा कि “फोरेंसिक जांच की सटीकता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है। हर सैम्पल की सुरक्षा, रिकॉर्ड-कीपिंग और टेस्टिंग लॉग्स को वैज्ञानिक अनुशासन के साथ संधारित किया जाए।”
    सुविधाओं और उपकरणों की स्थिति की समीक्षा
    निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने डीएनए एनालाइज़र, थर्मल साइक्लर, सीक्वेंसर, बायोसेफ्टी कैबिनेट और डेटा इंटरप्रिटेशन सिस्टम की कार्यक्षमता की समीक्षा की। उन्होंने प्रयोगशाला की परीक्षण क्षमता, लंबित सैम्पलों की संख्या और अन्य जिलों से प्राप्त रेफरेंस सैम्पलों की स्थिति की भी जानकारी ली।
    दिलावर ने कहा कि “आपातकालीन परिस्थितियों में फोरेंसिक प्रयोगशाला की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। तकनीकी दक्षता के साथ मानवीय संवेदनशीलता बनाए रखते हुए कार्य करें।”
    अधिकारियों और वैज्ञानिकों को दिए दिशा-निर्देश
    मंत्री ने निर्देश दिए कि डीएनए टेस्टिंग की प्रत्येक प्रक्रिया में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाए और रिपोर्ट तैयार करने में किसी प्रकार की त्रुटि की संभावना न रहे। उन्होंने वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए कहा कि "आपका कार्य केवल तकनीकी नहीं, बल्कि मानवीय सेवा का भी प्रतीक है। हर रिपोर्ट किसी परिवार की उम्मीद से जुड़ी है।"
    कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे मौजूद
    निरीक्षण के दौरान युवा मामले एवं खेल विभाग के राज्यमंत्री के.के. विश्नोई, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, प्रभारी सचिव दिनेश कुमार, जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल, एफएसएल निदेशक अजय शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, डीएनए डिवीजन के विशेषज्ञ और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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