जयपुर।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने हाल ही में सरकार द्वारा जारी जीपीएफ सम्बद्ध पेंशन योजना के आदेश का कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष डॉ. माताप्रसाद शर्मा ने कहा कि यह आदेश विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्वायत्तता के विरुद्ध है और पेंशन का भार विश्वविद्यालयों पर डालना पूरी तरह अनुचित और अव्यावहारिक है।
क्या है मामला?:
9 अक्टूबर को जारी आदेश के अनुसार, विश्वविद्यालयों को अपने शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन का भार वहन करना होगा। संघ का तर्क है कि विश्वविद्यालय अकादमिक रूप से स्वतंत्र होने के बावजूद वित्तीय रूप से सरकार पर निर्भर हैं। ऐसे में पेंशन का भार विश्वविद्यालयों पर डालना सही नहीं है।
शिक्षक संघ की मांगें:
- सरकार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ यथावत जारी रखे।
- विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन का संपूर्ण भार राज्य सरकार वहन करे।
- सरकार विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता प्रदान करे ताकि वे अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को पेंशन दे सकें।
आगे क्या होगा?:
शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. माताप्रसाद शर्मा ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। संघ ने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय ले और शिक्षकों के हितों की रक्षा करे।