जयपुर। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा आयोजित प्रथम इंट्रा मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शनिवार को सफलतापूर्ण समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर बैंच के माननीय जज, आशुतोष कुमार एवं गेस्ट ऑफ ऑनर, अनीता शर्मा (सदस्य, स्थायी लोक अदालत) रहें, जिनकी ससम्मान उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। क्रिमिनल लॉ के जटिल विषय पर आधारित इस कॉम्पीटिशन में छात्रों ने अपने तर्कों और ऐडवोकेसी स्किल्स का शानदार प्रदर्शन किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए, जज आशुतोष कुमार ने कहा कि हार केवल एक दृष्टिकोण है, यह किसी को कमतर नहीं बनाती। केशवानंद भारती मामले का उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि निर्णय बहुमत से होते हैं, लेकिन विचारों की प्रभावी प्रस्तुति अधिक महत्वपूर्ण है ।क्योंकी समय के साथ विचार बदलते हैं और उन्हीं के अनुरूप कानून भी विकसित होते हैं।
निरंतर निखारने की सलाह:
भविष्य के लिए छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने अपनी तर्क शक्ति को निरंतर निखारने की सलाह दी। जज कुमार ने कहा कि एक बेहतर निर्णय के लिए ईमानदारी और धैर्य अनिवार्य हैं। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि एक सफल वकील के लिए किताबी ज्ञान से कहीं ज़्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज और लेटेस्ट जजमेंट्स से अपडेट रहना आवश्यक है।
जेईसीआरसी के छात्रों को नेशनल और इंटरनैशनल मंच के लिए तैयार करने हेतु, इस इंट्रा मूट कोर्ट कॉम्पीटिशन का आयोजन किया गया। तीन दिनों तक चले इस इंटेलेक्चुअल स्ट्रगल के बाद 28 में से 8 टीमें क्वार्टर फाइनल में, 4 टीमें सेमीफाइनल में और अंततः दो सर्वश्रेष्ठ टीमों ने फाइनल राउंड में अपनी जगह बनाई।
50 से अधिक अनुभवी हाई कोर्ट के क्रिमिनल लॉ स्पेशलिस्ट की जूरी बनाई गई:
प्रतियोगिता का मूल्यांकन करने के लिए 50 से अधिक अनुभवी हाई कोर्ट के क्रिमिनल लॉ स्पेशलिस्ट की जूरी बनाई गई। जूरी ने छात्रों को वास्तविक अदालत की तरह चुनौती देते हुए उनके आर्गुमेंट्स को परखा। समापन समारोह में विजेता, उपविजेता एवं अन्य उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों को ट्रॉफी और नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
यह कॉम्पीटिशन न केवल छात्रों के लिए एक सीखने का मंच बना, बल्कि इसने कानूनी दांव-पेंचों की गहरी समझ और रीज़निंग पॉवर को परखने का शानदार अवसर भी दिया।