उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन मंत्रालय की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस हुई। सम्मेलन का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वन स्टेट-वन ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन’ विजन के तहत किया गया है, जिसमें देश के सभी राज्यों के पर्यटन मंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और अधिकारी शामिल हुए।
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया और राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की उपस्थिति में होटल मेरिएट में सम्मेलन का भव्य उद्घाटन हुआ।
पर्यटन में नई दृष्टि की आवश्यकता : गजेंद्रसिंह शेखावत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के पास वैश्विक पर्यटन की अपेक्षाओं को पूरा करने की अपार संभावनाएं हैं, बस उन्हें तलाशने और तराशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले पर्यटन क्षेत्र पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन अब राज्यों के बीच पर्यटन विकास को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है, जो भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक शुभ संकेत है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में विश्व पर्यटन सूचकांक (WTI) में भारत 39वें स्थान पर है और लक्ष्य इसे शीर्ष 10 देशों में शामिल करने का है। साथ ही पर्यटन क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 5-6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है।
शेखावत ने कहा कि कोविड के बाद भारत ने पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली प्रयास किए हैं। वर्ष 2024 में देश में 2 करोड़ विदेशी पर्यटक पहुंचे, वहीं घरेलू पर्यटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा, “विदेश घूमने से पहले अपने देश को जानें”—इस सोच को आम लोगों में प्रोत्साहित करना समय की मांग है।
राजस्थान को सम्मेलन स्थल चुनना गर्व की बात : दिया कुमारी
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सम्मेलन के लिए राजस्थान को चुनने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य का हर किला, महल और धरोहर अपनी अनूठी कहानी कहता है।
उन्होंने कहा, “राजस्थान इतिहास, संस्कृति और विरासत का संगम है। यहां के रंग, लोककला और स्थापत्य विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। राज्य को लीडिंग ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं।”
मेवाड़ को मिला पुरखों और प्रकृति का आशीर्वाद : गुलाबचंद कटारिया
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेवाड़ को पुरखों और प्रकृति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां झीलें, हरियाली और ऐतिहासिक स्थलों की अनोखी विरासत है।
उन्होंने आगंतुकों से उदयपुर और आसपास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने तथा विकास के नए सुझाव देने का आग्रह किया।
राजस्थान की प्रस्तुति में झलका शौर्य, संस्कृति और अध्यात्म का संगम
राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न राज्यों ने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए। राजस्थान की ओर से पर्यटन सचिव राजेश यादव और पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियाड़ ने “शौर्य, संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी” थीम पर प्रस्तुति दी।
राजस्थान ने महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट (उदयपुर), जैसलमेर और पुष्कर को ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा। प्रस्तुति में इन स्थलों की कनेक्टिविटी, विकास योजनाएं और संभावित परिणामों की जानकारी दी गई।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, गुजरात और महाराष्ट्र ने भी अपने प्रस्ताव साझा किए।
सम्मेलन का सार
यह सम्मेलन भारत को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर शीर्ष स्थान दिलाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। पर्यटन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप देशभर में 50 नए ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जाएंगे।
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