जयपुर, 13 अक्टूबर
त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट पर लगाम कसने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने जयपुर की मावा मंडी, शास्त्री नगर में सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। “शुद्ध आहार–मिलावट पर वार” अभियान के तहत संचालित इस विशेष कार्रवाई में कुल 1,380 किलो संदिग्ध मावा जब्त कर मौके पर ही नष्ट कराया गया।
सुबह से लेकर शाम तक चला संयुक्त निरीक्षण अभियान
यह कार्रवाई सुबह 7:30 बजे शुरू होकर देर शाम तक चली। टीम ने एक दर्जन से अधिक प्रतिष्ठानों, गोदामों और सड़क पर खड़े वाहनों की गहन जांच की। दो पिकअप और एक जीप से संदिग्ध मावे के 13 नमूने लिए गए, जिनमें प्रारंभिक परीक्षण के दौरान मिलावट की पुष्टि होने पर तुरंत कार्रवाई की गई।
संयुक्त आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) विजय प्रकाश और सीएमएचओ जयपुर प्रथम, रवि शेखावत के नेतृत्व में यह कार्रवाई आयुक्त टी. शुभमंगला के निर्देशन में हुई।
खाद्य अधिकारियों की टीम रही सक्रिय, स्वच्छता और बिलिंग की भी जांच
कार्रवाई के दौरान टीम ने न सिर्फ मावे की गुणवत्ता, बल्कि भंडारण की स्वच्छता, लेबलिंग, बिक्री बिल और लाइसेंस जैसी प्रक्रियाओं की भी जांच की। मौके पर मौजूद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों — विनोद कुमार शर्मा, वीरेंद्र कुमार सिंह और नरेश कुमार चेजारा ने अभियान को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया।
मिलावटखोरी पर सख्त संदेश, प्रदेशभर में सतर्कता बढ़ेगी
आयुक्त शुभमंगला ने स्पष्ट किया कि खाद्य सामग्री में मिलावट उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में इसी प्रकार की अचानक जांच और छापेमारी की कार्रवाई जारी रहेगी।
संयुक्त आयुक्त विजय प्रकाश ने बताया कि आगामी दिनों में मिठाई उत्पादन इकाइयों, डेयरी विक्रेताओं और नमकीन निर्माण इकाइयों पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।
जनजागरूकता भी अभियान का हिस्सा, आमजन से सतर्कता की अपील
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रवि शेखावत ने बताया कि विभाग न केवल कार्रवाई कर रहा है, बल्कि जनजागरूकता के माध्यम से नागरिकों को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि यदि किसी को मिलावटी खाद्य पदार्थ की आशंका हो तो वह तुरंत विभाग की हेल्पलाइन या जिला कार्यालय में शिकायत दर्ज कराए।
खाद्य सुरक्षा विभाग की यह कार्रवाई त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं की सेहत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। विभाग द्वारा लगातार की जा रही सख्ती यह संकेत देती है कि अब मिलावटखोरी को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जा चुकी है।