जयपुर।
कोटपूतली स्थित श्रीमती पानादेवी मोरीजावाला राजकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में सोमवार को ‘सिंदूर स्मारिका वाटिका’ का लोकार्पण किया गया। यह वाटिका भारतीय सेना के साहसिक ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित है, जो 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले के जवाब में किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत स्मारिका पट्टिका के अनावरण, दीप प्रज्वलन और सात सिंदूर के पौधों के रोपण के साथ हुई। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा, जनप्रतिनिधि हीरालाल रावत, समाजसेवी रतनलाल शर्मा, प्राचार्य आर.पी. गुर्जर और शंकरलाल कसाना सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
"ऑपरेशन सिंदूर ने दिया पाकिस्तान को सटीक जवाब"
वन मंत्री संजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सीमाओं की सुरक्षा और देश की एकता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि निर्दोष पर्यटकों पर हुए पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
मंत्री ने कहा कि यह वाटिका न केवल उस वीरता की स्मृति है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण और देशभक्ति के प्रति जागरूक करने का भी माध्यम बनेगी।
छात्राओं से पर्यावरण संरक्षण की अपील
मंत्री शर्मा ने महाविद्यालय की छात्राओं से सिंदूर के लगाए गए पौधों की देखभाल करने और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान को गति देने की अपील की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार कोटपूतली में लेपर्ड सेंचुरी के निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही एक बड़ा लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में 5 टाइगर रिजर्व और 2 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जिनमें 135 बाघ हैं। राज्य सरकार ने पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने के लिए ऑनलाइन टिकटिंग व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया है।
"वृक्षारोपण ही जलवायु संकट का समाधान"
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पूरा विश्व जूझ रहा है, और इसका एकमात्र समाधान वृक्षारोपण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पॉलीथिन का प्रयोग बंद करें, जल संरक्षण को जीवनशैली बनाएं और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करें।
"शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी"
विशिष्ट अतिथि हीरालाल रावत ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए पर्यटकों की शहादत को देश कभी नहीं भूलेगा। यह स्मारिका उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
कार्यक्रम में प्राचार्य आर.पी. गुर्जर ने बताया कि वाटिका का निर्माण समाजसेवकों और भामाशाहों के सहयोग से लगभग 2.5 लाख रुपये की लागत से किया गया है।
Click here to
Read more