नई शिक्षा नीति, उच्च शिक्षा और शोध क्षेत्र में अनुभव के आधार पर मिली अहम जिम्मेदारी
कोटा। राजस्थान के उच्च शिक्षा क्षेत्र में समग्र और प्रभावी विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल हरिमाऊ बागडे ने प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो कैलाश सोडाणी को अपना सलाहकार (उच्च शिक्षा) नियुक्त किया है। इस नियुक्ति का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन, विश्वविद्यालयों के नैक मूल्यांकन, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में सुधार को सशक्त बनाना है।
उपलब्धियां और अनुभव
प्रो सोडाणी ने अपने व्यापक शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव से उच्च शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, गोविंदगुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा और वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा में कुलगुरु के पद का गरिमामय निर्वहन किया है।
वहीं, प्रो सोडाणी ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रबंध मंडलों में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में वे भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सदस्य भी हैं।
नई शिक्षा नीति और शोध क्षेत्र में योगदान
प्रो सोडाणी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार के लिए कई संगोष्ठियों का आयोजन किया है और संबंधित पुस्तकें संपादित व लेखन कार्य किए हैं। उनके मार्गदर्शन में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और उच्च शिक्षा के विकास में निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों की प्रतिक्रिया
खुला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो बीएल वर्मा ने प्रो सोडाणी के मनोनयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। प्रो सोडाणी की यह नियुक्ति उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नवाचार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
राजस्थान में उच्च शिक्षा और शोध क्षेत्र को नए आयाम देने वाले इस कदम से शिक्षा जगत में एक सकारात्मक संदेश गया है, जहां अनुभवी शिक्षाविदों के मार्गदर्शन में नीति क्रियान्वयन और नवाचार को बल मिलेगा।