जयपुर। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर के बेसिक एंड एप्लाइड साइंस संकाय में महान वैज्ञानिक, भारत रत्न और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की जयंती “अब्दुल कलाम दिवस” के रूप में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। यह आयोजन न केवल स्मरण का अवसर बना, बल्कि विद्यार्थियों को उनके आदर्शों और विचारों से जोड़ने का माध्यम भी रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ और भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं डॉ. कलाम के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। तत्पश्चात विश्वविद्यालय परिसर में प्रेरणादायी माहौल के बीच विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने डॉ. कलाम के जीवन, उनके संघर्षों तथा योगदान पर विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन रिहान आफरीन ने प्रभावशाली ढंग से किया।
स्पीच प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों में किरण यादव, तनिषा मीना, डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. सागर एवं खुशबू चौधरी शामिल रहे। सभी ने अपने वक्तव्यों के माध्यम से डॉ. कलाम के जीवन दर्शन को नए आयाम दिए।
“मेरे सपनों के कलाम” प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र
आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा “मेरे सपनों के कलाम” प्रतियोगिता, जिसमें विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने भावनात्मक और रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ प्रस्तुत कीं। प्रतिभागियों ने यह कल्पना की कि यदि उन्हें आज डॉ. कलाम से संवाद करने का अवसर मिलता, तो वे उनसे क्या कहना चाहते।
अधिष्ठाता डॉ. रजनी माथुर ने प्रेरित किया विद्यार्थियों को
बेसिक एंड एप्लाइड साइंस संकाय की अधिष्ठाता डॉ. रजनी माथुर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा—
“डॉ. कलाम ने हमें सिखाया कि सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और दृढ़ निश्चय आवश्यक हैं। हमें उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए ताकि हम भी देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।”
कुलपति डॉ. रश्मि जैन का संदेश — युवा ही हैं भारत का भविष्य
कुलपति डॉ. रश्मि जैन ने अपने संदेश में कहा—
“डॉ. कलाम न केवल वैज्ञानिक थे, बल्कि वे हर युवा के प्रेरणास्त्रोत थे। उन्होंने दिखाया कि सपने वे नहीं होते जो सोते समय देखे जाएँ, बल्कि वे होते हैं जो हमें सोने न दें। विद्यार्थियों को उनके विचारों को जीवन में अपनाना चाहिए।”
प्रो चेयरपर्सन डॉ. अंशु सुराना ने नवाचार की भावना पर दिया बल
डॉ. अंशु सुराना ने कहा—
“डॉ. कलाम के सपनों को साकार करना तभी संभव है जब भारत का हर युवा नवाचार, ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करे। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी इस महान व्यक्तित्व को।”
उपकुलसचिव इंजीनियर नरेश अरोड़ा के विचार
“डॉ. कलाम ने अपने जीवन से यह सिखाया कि कठिनाइयाँ सफलता की सीढ़ियाँ होती हैं। उन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदल दिया, यही दृष्टिकोण युवाओं को अपनाना चाहिए।”
विजेताओं को किया गया सम्मानित
प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया गया —
विद्यार्थी वर्ग:
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मोहम्मद रजा
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तनिषा मीना
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रिहान आफरीन
शिक्षक वर्ग:
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राजनारायण शर्मा
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डॉ. गजेन्द्र सिंह त्यागी
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डॉ. सागर
धन्यवाद एवं समापन
कार्यक्रम के अंत में मनीषा यादव ने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया और डॉ. कलाम के सपनों को साकार करने के लिए समर्पण की भावना से कार्य करने का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर डॉ. सीताराम सैनी, प्रतिभा वशिष्ठ, ज्योति चौहान, डॉ. प्रेम कुमार, डॉ. हसनदीन खान, लतीफ, दिव्यांगी, हिमांशी, डॉ. महादेव और डॉ. जितेन्द्र सिंह चौधरी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।