जयपुर।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर (यूओटी) के बेसिक एवं एप्लाइड साइंसेज संकाय की ओर से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना था।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विविध प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी रचनात्मकता और संवेदनशीलता का परिचय दिया। स्लोगन लेखन, निबंध लेखन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उन्होंने समाज को “बचाओ पर्यावरण – बचाओ जीवन” का सशक्त संदेश दिया।
प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों की रचनात्मक झलक
स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रिहान आफरीन, द्वितीय स्थान राहुल कुमार बैरवा और तृतीय स्थान यतेन्द्र मीणा ने प्राप्त किया।
निबंध लेखन प्रतियोगिता में अमन नागर प्रथम, लोकेश प्रजापत द्वितीय और विकास पाल तृतीय स्थान पर रहे।
नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए पर्यावरणीय चुनौतियों पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
नेतृत्व का मार्गदर्शन और प्रेरणा
कार्यक्रम की अधिष्ठाता डॉ. राजनी माथुर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल एक विषय नहीं, बल्कि यह जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवहार में छोटे-छोटे परिवर्तन लाकर बड़ा बदलाव ला सकता है।”
कुलपति डॉ. रश्मि जैन ने अपने संदेश में कहा, “पर्यावरण की रक्षा हमारी आने वाली पीढ़ियों के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है। विद्यार्थियों की यह पहल समाज में जागरूकता और सकारात्मक सोच का संचार करती है।”
प्रो-चेयरमैन अंशु सुराना ने कहा, “यूओटी सदैव विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजन करता रहा है। स्वच्छ और हरित भारत का निर्माण युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है।”
कार्यक्रम का संचालन और समन्वय मनीषा यादव तथा चारु दुबे द्वारा किया गया, जिनके नेतृत्व में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर सभी विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए न केवल एक सीखने का मंच रहा, बल्कि उन्हें प्रकृति के प्रति संवेदनशील नागरिक बनने की प्रेरणा भी प्रदान की। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने इस अवसर पर संदेश दिया —
“हरित सोच अपनाएँ, स्वच्छ भविष्य बनाएँ।”