जयपुर। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से ‘प्रबल कार्यक्रम’ की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों में जीवन कौशल, सृजनात्मकता और भविष्य के लिए आवश्यक दक्षताओं को विकसित करने पर केंद्रित रहेगा।
कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा संकुल, जयपुर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक द्वितीय अशोक कुमार मीणा ने की।
प्रबल कार्यक्रम की रूपरेखा
बैठक में उपनिदेशक (योजना) नादान सिंह गुर्जर ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रबल कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों का चयन पहले ब्लॉक और फिर जिला स्तर पर किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक जिले से चार विद्यार्थी — दो छात्र और दो छात्राएँ — राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित होंगे।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित होगी
विद्यार्थियों के चयन में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर स्तर पर पाँच सदस्यीय चयन समिति गठित की जाएगी। यह समिति विद्यार्थियों के प्रदर्शन, कौशल और दक्षताओं के आधार पर मूल्यांकन करेगी।
भविष्य के लिए तैयार होंगे विद्यार्थी
प्रबल कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में संवाद, समस्या समाधान, रचनात्मक सोच, नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास जैसी जीवन उपयोगी क्षमताओं को बढ़ावा देना है। इससे वे न केवल शैक्षणिक दृष्टि से, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी सशक्त बनेंगे।
शिक्षा विभाग का यह प्रयास राज्य के विद्यार्थियों में प्रतिभा निखारने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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