— आंगनवाड़ी केंद्रों की सह-स्थापना को लेकर शिक्षा मंत्रालय की बैठक
जयपुर। समग्र शिक्षा के अंतर्गत बाल्यावस्था शिक्षा और औपचारिक स्कूली शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का एजेंडा विद्यालयों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों की सह-स्थापना के दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन एवं इस दिशा में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर केंद्रित रहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल और अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक (प्रथम) श्रीमती सीमा शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा (ECE) को औपचारिक स्कूली शिक्षा के साथ एकीकृत करने पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों को विद्यालय परिसर में भौतिक रूप से सह-स्थापित करने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि प्री-स्कूल से ग्रेड 1 तक के बच्चों को एक सुगम, समग्र और निरंतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
वीसी के दौरान कुणाल ने बताया कि आंगनवाड़ी में जारी हॉलेस्टिक कार्ड के डेटा के उपयोग से विद्यालयों में नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी लिविंग सर्टिफिकेट की उपलब्धता के कारण विद्यालय में प्रवेश के लिए किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इस वर्ष प्री-कक्षाओं में नामांकन पिछले वर्ष की तुलना में 98 हजार से 1 लाख बच्चों तक बढ़ा है।
राजस्थान की इस पहल की भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने विशेष सराहना की। बैठक के बाद कुणाल ने इस दिशा में कार्य को और सशक्त बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
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